
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। देवी शरण उपाध्याय पर आरोप है कि उन्होंने अलीगढ़ में जमीन के पट्टों के आवंटन में गड़बड़ी की।
मामला क्या है?
सूत्रों के मुताबिक, देवी शरण उपाध्याय पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को अनियमित तरीके से बहाल करने का आरोप है। जुलाई 2022 में उन्हें सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज में तैनात किया गया था, और उनके कार्यकाल के दौरान इन भूखंडों के पट्टों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आई थी। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने इन पट्टों को नियम विरुद्ध दिए जाने पर खारिज करने की संस्तुति की थी, लेकिन उपाध्याय ने इसे नजरअंदाज करते हुए बहाली के आदेश पारित कर दिए थे।
इस गड़बड़ी की शिकायत अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने उच्च स्तर पर की थी, जिसके बाद 13 जुलाई को देवी शरण उपाध्याय को उनके पद से हटा दिया गया और प्रतीक्षारत कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के आदेश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन की अवधि में वह राजस्व परिषद से संबंध रहेंगे। मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है।
कौन हैं आईएएस देवी शरण उपाध्याय?
आईएएस देवी शरण उपाध्याय 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और मूल रूप से महराजगंज के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1965 में हुआ था और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए तक की पढ़ाई की है।
योगी सरकार के इस कदम से स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।