
गाजीपुर। प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकरी द्वारा 13 अक्टूबर को सकलेनाबाद में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ऐतिहासिक भरत मिलाप का आयोजन हुआ। इस लीला में प्रभु श्री राम, 14 वर्षों के वनवास के बाद, रावण का वध कर लक्ष्मण, सीता, हनुमान, सुग्रीव आदि के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या की ओर प्रस्थान करते हैं। बीच रास्ते में वे भारद्वाज मुनि के आश्रम पर विश्राम करते हैं और हनुमान को अयोध्या भेजते हैं ताकि वे भरत को उनके आगमन का संदेश दे सकें।
अयोध्या में भरत प्रभु श्री राम के आगमन की प्रतीक्षा करते हुए उनकी चरण पादुकाओं को सिंहासन पर विराजमान कर राज्य का कार्यभार संभाल रहे होते हैं। हनुमान ब्राह्मण का वेश धारण कर अयोध्या पहुँचते हैं और भरत को प्रभु श्री राम का संदेश सुनाते हैं कि वे सीता और लक्ष्मण के साथ सकुशल लौट रहे हैं। यह सुनकर भरत भावविभोर हो जाते हैं और तुरंत अपने गुरु वशिष्ठ तथा भाई शत्रुघ्न के साथ श्री राम से मिलने भारद्वाज मुनि के आश्रम के लिए प्रस्थान करते हैं।

आश्रम में पहुँचकर भरत श्री राम के चरणों में गिर पड़ते हैं और चारों भाइयों का मिलन होता है। इस भावपूर्ण दृश्य को देखकर वहां उपस्थित जनसमूह जय श्री राम के जयकारों से लीला स्थल को गूँजायमान कर देता है।
शोभायात्रा की शुरुआत शाम 6 बजे हरिशंकरी स्थित श्री राम सिंहासन से हुई और देर रात 11:45 बजे सकलेनाबाद पहुँचकर समाप्त हुई। यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक मिलन को देखने उमड़ पड़े।

इस अवसर पर कमेटी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल भी तैनात था ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
