नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद गुरुवार को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश की आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान विपक्ष ने सरकार से दो टूक कहा—“PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) आतंक की जड़ है, कार्रवाई कीजिए।” जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि “हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”
विपक्ष-सरकार एकजुट, आतंक के खिलाफ एक स्वर
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सहित सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में मौजूद सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और दृढ़ समर्थन जताया।
किरन रिजिजू बोले—“सभी दल सरकार के साथ, पाकिस्तान के खिलाफ एक स्वर में समर्थन”
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा—
“यह बहुत गंभीर और दुखद घटना है। सभी राजनीतिक दलों ने इस पर एकजुट होकर अपनी बात रखी। किसी ने भी मतभेद नहीं दिखाया। सभी ने पाकिस्तान के खिलाफ सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों का समर्थन किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि—
“बीते कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हुए थे। व्यापार, टूरिज्म और सामाजिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही थीं। लेकिन इस आतंकी हमले ने हमें एक बार फिर सतर्क कर दिया है। वक्त है कि देश एक आवाज़ में बोले और निर्णायक कदम उठाए।”
#WATCH | Delhi: After the all-party meeting, Union Minister Kiren Rijiju says, "The meeting went very well, and in fact, all the political leaders unanimously supported the action taken by the Cabinet Committee on Security (CCS) with regard to Pakistan. The Government made it… pic.twitter.com/6zdywpSoct
सूत्रों के मुताबिक, सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में राजनयिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने के सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। विशेष रूप से PoK में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल या एयर स्ट्राइक जैसे विकल्प भी चर्चा में हैं।
एकजुट भारत का संदेश—आतंक के खिलाफ कोई राजनीति नहीं
बैठक में यह साफ संकेत मिला कि राजनीतिक मतभेद भले हों, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर भारत एकजुट है। विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ने इस मामले में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा है।
VIKAS TRIPATHI
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