
गाजीपुर के करंडा ब्लॉक में शिक्षा संकुल मुड़वल के दो शिक्षकों, मानवेन्द्र सिंह और चंद्रशेखर सिंह, को विद्यालय समय के दौरान अनुशासनहीनता और शासकीय कार्यों में व्यवधान डालने के आरोप में बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) हेमंत राव ने निलंबित कर दिया है। बीएसए द्वारा की गई इस कार्यवाही से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
मामला क्या है?
15 अक्टूबर को पूरे उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बैठकों का आयोजन किया गया था, जिसमें छात्रों को निपुण बनाने के लिए चर्चा होनी थी। ये बैठकें शिक्षण कार्य के बाद आयोजित की जानी थीं ताकि विद्यालयों के नियमित कामकाज में व्यवधान न हो। करंडा ब्लॉक के मुड़वल संकुल में, बैठक से पहले ही शिक्षकों ने समय से पहले अपने विद्यालय बंद कर दिए और बैठक स्थल कंपोजिट विद्यालय धितुआं पर एकत्रित हो गए। वहां विधिवत भोजन का आयोजन किया गया और बैठक के निर्धारित समय से पहले ही सभी शिक्षक अपने घर चले गए।
बीईओ के साथ विवाद
जब बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) रवीन्द्र सिंह निरीक्षण के लिए वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बैठक समाप्त हो चुकी थी और अधिकांश शिक्षक जा चुके थे। बीईओ ने वहां मौजूद शिक्षक चंद्रशेखर सिंह से बैठक का रजिस्टर मांगा, जिससे विवाद शुरू हुआ। बाद में, दो शिक्षक नेता, मानवेन्द्र सिंह और चंद्रशेखर सिंह, बीईओ से सहेड़ी में फिर उलझ पड़े और उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया।
निलंबन और जांच की कार्यवाही
बीईओ ने तुरंत बीएसए और पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद, बीएसए ने दोनों शिक्षकों को अनुशासनहीनता, शासकीय कार्यों में बाधा डालने और शिक्षक आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया। मामले की जांच के लिए त्रिस्तरीय टीम का गठन किया गया है, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी सदर, जखनियां और कासिमाबाद को जांच सौंपी गई है।
पुलिस में शिकायत और शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
बीईओ करंडा ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस बीच, शिक्षक संगठन भी इस कार्यवाही के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और बीएसए से निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग कर रहे हैं। हालांकि, मामला पुलिस प्रशासन तक पहुंचने के कारण शिक्षक संगठन खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं।
बीएसए का वर्जन
बीएसए हेमंत राव ने कहा, “मामला संज्ञान में आने के बाद जांचोपरांत दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है, और विभागीय जांच प्रचलित है।”
इस पूरे प्रकरण से गाजीपुर शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है, और अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
