
गाजीपुर: जिले का विद्युत वितरण खंड नगर इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सुर्खियों में है। विभाग के एफआईआर बाबू आशीष सोनकर पर उपभोक्ताओं से अवैध वसूली करने और नियमों को ताक पर रखकर राजस्व निर्धारण में हेरफेर करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
स्थानीय उपभोक्ताओं के मुताबिक, अगर किसी पर विद्युत चोरी का मामला दर्ज किया जाता है, तो उनसे मोटी रकम लेकर उनकी पेनाल्टी कम कर दी जाती है। जिनके पास पैसे नहीं होते, उन्हें धमकाया जाता है और कोर्ट का नोटिस भेज दिया जाता है। बताया जा रहा है कि यह खेल पिछले पांच वर्षों से चल रहा है, जिसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत है।
उपभोक्ताओं का शोषण, बिना जांच के विद्युत चोरी के केस दर्ज
मोहम्दाबाद के निवासी विद्यापति तिवारी ने बताया कि उनके परिसर में पुराना कनेक्शन था, लेकिन उनका मीटर जल चुका था। उन्होंने 10 दिसंबर 2024 को एसडीओ को लिखित शिकायत भी दी थी, जिसका प्रमाण उनके पास मौजूद है। जब वह अपना नोटिस लेकर आशीष सोनकर से मिले, तो उन्होंने उनके पत्र को फर्जी बताकर 60,000 रुपए की मांग की और कहा कि “बड़े साहब को देना पड़ेगा, तभी सेटलमेंट होगा।” अगर पैसा नहीं दिया गया, तो 1,10,789 रुपए का पूरा फाइन भरना होगा।
इसी तरह, ग्राम मनियां मिर्जाबाद के सूर्यबली राय के पुराने कनेक्शन के बावजूद उनके खिलाफ विद्युत चोरी का मामला दर्ज कर दिया गया। चेकिंग के दौरान घर पर कोई मौजूद नहीं था, फिर भी अवर अभियंता रमेश मौर्या ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और 3 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। जब उपभोक्ता अपनी शिकायत लेकर आशीष सोनकर के पास पहुंचे, तो उनसे 1.5 लाख रुपए लेकर मामला रफा-दफा करने की पेशकश की गई। लेकिन उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया और अपना पूरा बकाया बिल जमा कर दिया।
पिछले एक्सईएन के कार्यकाल में भी चलता रहा खेल
सूत्रों के मुताबिक, यह पूरा खेल सिर्फ एफआईआर बाबू तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पूर्व अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आशीष शर्मा का भी संरक्षण था। उनके कार्यकाल के दौरान कई मामलों में राजस्व निर्धारण में धांधली की गई और अवैध रूप से पैसे वसूले गए।
पीड़ितों ने प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग
पीड़ित उपभोक्ताओं विद्यापति तिवारी और सूर्यबली राय ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने जिलाधिकारी और विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई है कि:
- एफआईआर बाबू आशीष सोनकर द्वारा पिछले पांच वर्षों में किए गए सभी विद्युत चोरी के मामलों की जांच हो।
- हर एफआईआर की कॉपी निकाली जाए और यह देखा जाए कि किस उपभोक्ता से कितनी वसूली की गई।
- अगर अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों को निलंबित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
उपभोक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की है कि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि गरीब और असहाय लोगों का शोषण बंद हो और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
