
Aurangzeb controversy Ram Bhadracharya: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी ने औरंगजेब को ‘महान’ बताकर ऐसा बयान दे दिया, जिससे सियासी तूफान खड़ा हो गया। न सिर्फ राजनेता बल्कि धर्मगुरु भी उनके इस बयान पर भड़क उठे हैं। इस कड़ी में तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलना चाहिए।
“औरंगजेब कब से महान हो गया?”
रामभद्राचार्य ने दो टूक कहा, “औरंगजेब क्रूर, हिंसक और दुष्ट शासक था। उसने हजारों निर्दोषों का कत्ल किया, जनेऊ उतरवाए और ब्राह्मणों के गले काटे। पूरा राष्ट्र उसकी बर्बरता का शिकार हुआ।” उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “हमारे आदर्श भगवान राम, कृष्ण, शिवाजी और राणा प्रताप हैं… औरंगजेब कब से हमारा आदर्श बन गया?”
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि जब बाला जी मंदिर में मधुमक्खियों ने औरंगजेब पर हमला किया तो वह भाग खड़ा हुआ था। “मंदिरों से पार नहीं पाया तो भाग गया था, उसने कहीं कोई मंदिर नहीं बनवाया।”
“अबू आजमी को मिली ‘सजा’, लेकिन फिर भी शिकायत जारी”
इस बयान के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और अबू आजमी को बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। मगर आजमी का कहना है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। उनका दावा है कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही और सिर्फ इतिहासकारों की बात दोहराई थी।
सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए आजमी ने कहा, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने शिवाजी महाराज या किसी और हस्ती का अपमान नहीं किया। अगर किसी को ठेस पहुँची है, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूँ।”
“कब्रों पर बुलडोजर और राजनीति का बवाल”
अबू आजमी के बयान से राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष इसे “इतिहास का अपमान” बता रहा है, तो समर्थक इसे “मौजूदा राजनीति का शिकार” कह रहे हैं। वहीं, रामभद्राचार्य की “कब्र पर बुलडोजर” वाली टिप्पणी ने विवाद को और भी गरमा दिया है।
अब देखना यह होगा कि यह सियासी भूचाल कब थमता है, या फिर चुनावी माहौल में इस ‘औरंगजेब प्रसंग’ का राजनीतिक फायदा उठाने की होड़ और तेज़ होती है।

VIKAS TRIPATHI
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