
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ रेंज के डीआईजी आईपीएस वैभव कृष्ण बलिया के भरौली पोस्ट पर छापेमारी को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने वाराणसी जोन के एडीजी आईपीएस पीयूष मोर्डिया के साथ मिलकर आज सुबह करीब 4 बजे छापेमारी की कार्रवाई की, जिसमें अवैध रूप से वसूली करते हुए 3 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में बलिया के नरही थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है और उन पर एफआईआर दर्ज की गई है। आइए जानते हैं कि वैभव कृष्ण किस बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने कहां तक पढ़ाई की है।
आईपीएस वैभव कृष्ण की पृष्ठभूमि
वैभव कृष्ण 2010 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम डॉ. केके शर्मा है। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की है।
छापेमारी क्यों की गई?
बलिया के नरही थाना पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। थाने के पुलिस कर्मियों की शिकायत की गई थी कि वे अवैध वसूली कर रहे हैं। इसके बाद आजमगढ़ रेंज के डीआईजी और वाराणसी जोन के एडीजी ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर रंगे हाथों पुलिस कर्मियों को ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए पकड़ा। मामले में 3 पुलिस कर्मियों सहित कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
वैभव कृष्ण की नियुक्ति
वैभव कृष्ण की नियुक्ति पहले गौतमबुद्ध नगर जिले में थी, जहां उन्हें एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था। उस समय भी वह कानून व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रात में अचानक से सड़कों पर निकल जाते थे और सुरक्षा व्यवस्था में कमी पाए जाने पर संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करते थे।
पहले ही प्रयास में बने आईपीएस
वैभव कृष्ण ने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। उन्होंने 2009 में पहली बार यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी और एग्जाम क्रैक किया। उन्होंने ऑल इंडिया 86वीं रैंक प्राप्त की और आईपीएस बने।
पहले भी रहे चर्चा में
गौतमबुद्ध नगर में तैनाती के दौरान, आईपीएस वैभव ने पूर्व एसएसपी अजयपाल शर्मा पर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आरोप लगाए थे। एक गोपनीय रिपोर्ट लीक होने और एक अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 14 महीने बाद, 5 मार्च 2021 को, उन्हें बहाल किया गया था।