
गाजीपुर। बिरनो विकास खंड के हरिहरपुर गांव में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा हटाने को लेकर प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। यह मामला अब उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है, जिससे प्रशासन के लिए यह एक जटिल मुद्दा बन गया है।
चार वर्ष पूर्व गांव की नवीन परती भूमि पर ग्रामीणों ने डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की थी। तब से अब तक कोई विवाद नहीं हुआ। लेकिन हाल ही में गांव निवासी अनंत कुमार उर्फ बबलू ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की, जिसमें कहा गया कि प्रतिमा जिस भूमि पर स्थापित है वह उनकी कब्जे की है और बिना प्रशासनिक स्वीकृति के वहां प्रतिमा लगाई गई है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए सभी पक्षों से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
इसके बाद तहसील प्रशासन हरकत में आया और शुक्रवार को पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर प्रतिमा हटाने का प्रयास किया। प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते हुए आश्वासन दिया कि कोर्ट में जवाब दाखिल करने से पहले प्रतिमा हटा ली जाए और बाद में ग्राम प्रधान भूमि का प्रस्ताव बौद्ध विहार के लिए दे, ताकि वहां दोबारा प्रतिमा स्थापित की जा सके।
हालांकि, ग्रामीणों ने प्रतिमा हटाने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि चार साल तक कोई आपत्ति नहीं थी, अब जानबूझकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। प्रशासन ने देर शाम तक ग्रामीणों को निर्णय लेने का समय दिया है। एसडीएम कासिमाबाद संजय यादव ने कहा कि गांव में कोई तनाव नहीं है और उम्मीद है कि ग्रामीण प्रशासन की बात मानेंगे।