
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को तोड़े जाने के मामले में राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। लखनऊ में पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा, “ये गोरखपुर वाले जानें यार। ये सरकार का मामला नहीं है।”
इस मामले में समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव, सपा नेता भीष्म शंकर तिवारी समेत कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लिखा, “अब तक भाजपा का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है। चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है। प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके। निंदनीय!”
सुल्तानपुर के पूर्व विधायक का दावा
सुल्तानपुर से सपा के पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “चिल्लूपार, गोरखपुर से कई बार के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व० पंडित हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को योगी सरकार द्वारा बदले की भावना से बुलडोजर की कार्रवाई करवाना अत्यंत ही घृणित और घोर निंदनीय है। किसी भी दिवंगत नेता के मरणोपरांत बाद भी उसके प्रति ऐसी भावना रखना वर्तमान सत्ताधीश की ओछी और गिरी मानसिकता को दिखाता है।”
पांडेय ने कहा कि पंडित हरिशंकर तिवारी जी ब्राह्मण अस्मिता के प्रतीक थे। उनका अपमान पूरे ब्राह्मण समाज का अपमान है। शासन प्रशासन से निवेदन है कि प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके।

VIKAS TRIPATHI
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