
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS सुनयना को IOS सागर (Indian Ocean Ship – Security And Growth for All in the Region) मिशन पर रवाना करते हुए स्पष्ट संदेश दिया – हिंद महासागर भारत की जिम्मेदारी है, और इसकी सुरक्षा हमारा संकल्प।
इस मिशन के तहत भारत के 9 मित्र देशों – कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया – के 44 नौसैनिक, INS सुनयना के साथ समुद्री सहयोग और साझा अभ्यासों में हिस्सा ले रहे हैं। यह मिशन सिर्फ नौसैनिक अभ्यास नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति, साझेदारी और भारत की सामरिक नेतृत्व क्षमता का सशक्त प्रदर्शन है।
‘IOS सागर’ – भारत के संकल्प का समुद्री स्वरूप
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मिशन भारत की उस अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके तहत IOR (Indian Ocean Region) को शांतिपूर्ण, समावेशी और सुरक्षित क्षेत्र बनाना हमारा ध्येय है। भारत यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी देश अपनी सैन्य या आर्थिक ताकत के दम पर दूसरे देशों पर दबाव न बना सके।
INS सुनयना का रणनीतिक सफर
INS सुनयना इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान तंजानिया (दार-एस-सलाम), मोजाम्बिक (नाकाला), मॉरीशस (पोर्ट लुईस) और सेशेल्स (पोर्ट विक्टोरिया) का दौरा करेगा। इस दौरान निम्नलिखित संयुक्त अभ्यास किए जाएंगे:
- फायर फाइटिंग और बचाव प्रशिक्षण
- पोत नियंत्रण और सुरक्षा अभ्यास
- सर्च और सीज़र ऑपरेशन
- इंजन कक्ष संचालन
इन अभ्यासों से भारत और मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच विश्वास, तालमेल और तकनीकी साझेदारी को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

प्रोजेक्ट सीबर्ड: आत्मनिर्भर भारत की नई लहर
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने ₹2,000 करोड़ की लागत से बने करवार नौसेना अड्डे पर ऑपरेशनल, मरम्मत और लॉजिस्टिक सुविधाओं का भी उद्घाटन किया। ये सुविधाएं ‘Project Seabird’ के तहत विकसित की गई हैं, जिसमें शामिल हैं:
- अत्याधुनिक जेटी व पनडुब्बी सुविधाएं
- विशेष हथियार भंडार
- 480 रेसिडेंशियल यूनिट
- 25 किमी लंबा सड़क नेटवर्क
- सुरक्षा व निगरानी टावर
इनसे भारतीय नौसेना की मारक क्षमता तो बढ़ेगी ही, साथ ही उत्तर कन्नड़ की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गियर मिलेगा। विशेष बात यह कि इस परियोजना का 90% से अधिक निर्माण स्वदेशी है – ‘Make in India’ का आदर्श उदाहरण।
‘सागर’ से ‘महासागर’ तक: एक दशक की समुद्री क्रांति
यह मिशन उस समय शुरू किया गया है जब SAGAR पहल (Security and Growth for All in the Region) को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं। साथ ही यह राष्ट्रीय समुद्री दिवस की भी विशेष उपलब्धि है। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवीनतम रणनीतिक सोच MAHASAGAR (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) का भी उल्लेख किया – जो भारत की समुद्री नीति को वैश्विक दृष्टि और क्षेत्रीय संतुलन दोनों प्रदान करता है।
IOS सागर मिशन सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि भारत के समुद्री प्रभुत्व, कूटनीतिक परिपक्वता और सैन्य शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह हिंद महासागर को भारत की शांति, साझेदारी और सुरक्षा की नीति से जोड़ता है – जहां लहरें भारत की संकल्प शक्ति की गूंज बन चुकी हैं।