
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का बड़ा प्रोजेक्ट मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से होकर गुजरेगा
भारत की बुनियादी ढांचे की क्रांति में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ने जा रही है। देश के सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बन रही सबसे लंबी सुरंग का निर्माण अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 4.9 किलोमीटर लंबी यह अत्याधुनिक सुरंग राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (MHTR) से होकर गुजरेगी और इस प्रोजेक्ट का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
8 लेन की अत्याधुनिक सुरंग: पहली बार दो समानांतर ट्यूब्स का निर्माण
यह सुरंग भारत में अपनी तरह की पहली 8-लेन सुरंग होगी, जिसमें दो समानांतर ट्यूब्स होंगे। प्रत्येक ट्यूब में चार-चार लेन होंगी, जिससे यह भविष्य में 12-लेन तक विस्तारित की जा सकेगी। यह हाई-टेक सुरंग 3.3 किमी अंडरग्राउंड सेक्शन और 1.6 किमी कट-एंड-कवर तकनीक से बनाई जा रही है।

ट्यूब-1 की खुदाई पूरी, ट्यूब-2 में आखिरी 60 मीटर का कार्य शेष
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ट्यूब-1 की खुदाई पूरी हो चुकी है और यह कोटा को चेचट से जोड़ेगा। वहीं, ट्यूब-2, जो चेचट से कोटा को जोड़ेगी, की सिर्फ 60 मीटर की खुदाई बाकी है। यह कार्य अगले एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा। खुदाई के बाद, सुरंग के कुछ हिस्सों में चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संशोधन किए जाएंगे।
सुरक्षा और मॉनिटरिंग के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल
इस सुरंग में सुरक्षा के उच्चतम मानकों को लागू किया जा रहा है। इसमें निम्नलिखित अत्याधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं:
✅ एआई-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम – सुरंग के अंदर ट्रैफिक और संभावित खतरों पर नजर रखने के लिए
✅ उन्नत लाइटिंग और सेंसर सिस्टम – दृश्यता और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए
✅ प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली – सुरंग के अंदर स्वच्छ हवा बनाए रखने के लिए
✅ पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (SCADA) – रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग और कंट्रोल के लिए
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट
यह सुरंग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है, जो 1,350 किलोमीटर लंबा एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे है। इसे 8-लेन के रूप में डिज़ाइन किया गया है और भविष्य में इसे 12-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।

इस एक्सप्रेसवे के तहत राजस्थान में 373 किमी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 327 किमी पहले ही चालू हो चुका है। हालांकि, कुछ सेक्शनों को तब तक यातायात के लिए नहीं खोला जा सकता जब तक कि इंटरचेंज का निर्माण पूरा नहीं हो जाता।
भारत में हाईवे निर्माण की क्रांति: तेज़ी से हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास
पिछले कुछ वर्षों में, भारत में एक्सप्रेसवे और हाईवे निर्माण में जबरदस्त वृद्धि हुई है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर और अन्य परियोजनाएं भारत को विश्वस्तरीय सड़क नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
राजस्थान में बन रही यह सबसे लंबी 8-लेन सुरंग न केवल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए बनाई जा रही है, बल्कि यह कोटा और आसपास के क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी।
इस विशाल परियोजना के पूरा होने से न केवल दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय घटेगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को और गति मिलेगी। दिसंबर 2025 तक इस सुरंग के पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है।

VIKAS TRIPATHI
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