
भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने आज 18,658 करोड़ रुपये की लागत वाली 4 बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करते हुए भारतीय रेलवे नेटवर्क का 1,247 किलोमीटर तक विस्तार करेंगी।
कौन-कौन सी परियोजनाएं हुईं मंजूर?
कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने जिन रेलवे परियोजनाओं को हरी झंडी दी है, वे इस प्रकार हैं:
संबलपुर-जरपदा (तीसरी और चौथी लाइन)
झारसुगुड़ा-सासन (तीसरी और चौथी लाइन)
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा (पांचवीं और छठी लाइन)
गोंदिया-बल्हारशाह (दोहरीकरण)
रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार और भीड़भाड़ होगी कम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि ये मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ाने, ट्रैफिक को सुचारू करने और भीड़भाड़ कम करने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि ये कदम भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रूटों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगे, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को फायदा होगा।
रोजगार और आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बढ़ावा
इन परियोजनाओं से न सिर्फ रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी, बल्कि ये रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी। सरकार का दावा है कि ये प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगे और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में मददगार साबित होंगे।
इसके अलावा, पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत विकसित किए गए ये प्रोजेक्ट मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा देंगे। इससे लोगों, सामान और सेवाओं की आवाजाही आसान होगी, जिससे देश की लॉजिस्टिक्स लागत भी कम होगी।
रेलवे को मिलेगा 19 नए स्टेशन, लाखों लोगों को फायदा
इन परियोजनाओं के तहत 19 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे गढ़चिरौली और राजनांदगांव जैसे आकांक्षी जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा, करीब 3,350 गांवों और 47.25 लाख से अधिक लोगों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेल कनेक्टिविटी देने की योजना बनाई गई है, जिससे कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन में तेजी आएगी।
रेलवे से पर्यावरण को भी होगा फायदा
सरकार का कहना है कि रेलवे के विस्तार से भारत अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और लॉजिस्टिक्स लागत कम करने की दिशा में भी आगे बढ़ेगा। इससे:
95 करोड़ लीटर तेल आयात की बचत होगी
CO2 उत्सर्जन में 477 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी
नजरें रहेंगी जमीन पर उतरने पर
सरकार ने रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए बड़े वादे किए हैं, लेकिन अब सभी की नजर इस बात पर होगी कि ये योजनाएं कितनी तेजी से धरातल पर उतरती हैं और आम लोगों को इनका कितना लाभ मिलता है।