
बिहार में कांग्रेस पार्टी एक नई रणनीति के तहत 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। इस रणनीति का मुख्य चेहरा राहुल गांधी बनते दिख रहे हैं, जो राज्य में दलितों और अति पिछड़ा वर्ग पर फोकस कर रहे हैं। उनकी सक्रियता इस बात से साफ जाहिर होती है कि पिछले चार महीनों में यह उनका तीसरा बिहार दौरा होगा।
राहुल गांधी का तीसरा दौरा: संविधान सुरक्षा दिवस के नाम पर बड़ा संदेश
राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना पहुंच रहे हैं। इससे पहले 18 जनवरी और 4 फरवरी को भी वह बिहार दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने उनके इस दौरे को संविधान सुरक्षा दिवस का नाम दिया है, जो संकेत देता है कि पार्टी दलित और अति पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को लुभाने की कोशिश में है।
दिल्ली में जिला अध्यक्षों से मुलाकात: संगठन को मजबूत करने की कवायद
हाल ही में राहुल गांधी ने दिल्ली में बिहार कांग्रेस के सभी जिलाध्यक्षों से मुलाकात की, जो पार्टी संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की योजना का हिस्सा है। यह पहली बार है जब कांग्रेस नेतृत्व ने बिहार के जिलाध्यक्षों से सीधे दिल्ली में संवाद किया। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस की नजर दलित और अति पिछड़ा वर्ग पर
राहुल गांधी की यह सक्रियता बिहार की जातिगत राजनीति को ध्यान में रखते हुए बनाई गई रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार:
दलित और महादलित की जनसंख्या – लगभग 14%
अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की जनसंख्या – लगभग 36%
कांग्रेस पार्टी इस रणनीति के तहत महादलित वोटर्स को आकर्षित कर जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और पशुपति पारस को संदेश देना चाहती है। वहीं, अति पिछड़ों पर फोकस कर नीतीश कुमार की राजनीति को चुनौती देने की कोशिश कर रही है।
2025 के चुनावों के लिए संगठन मजबूत करने की तैयारी
कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन के अनुसार, कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने फैसला लिया है कि 2025 तक संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जाएगा। इसके तहत:
हर जिले के कांग्रेस अध्यक्ष से संवाद
स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर पार्टी को मजबूत करना
सामाजिक समीकरणों के आधार पर रणनीति तैयार करना
क्या राहुल गांधी बिहार में कुछ बड़ा करने की तैयारी में हैं?
बिहार कांग्रेस में पिछले कुछ महीनों से नई ऊर्जा देखी जा रही है। राहुल गांधी की लगातार यात्राएं, संगठन के पुनर्गठन पर जोर और दलित एवं अति पिछड़ा वर्ग पर फोकस यह संकेत दे रहा है कि कांग्रेस 2025 के चुनावों में एक नए समीकरण के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है।
अब देखना यह होगा कि क्या यह रणनीति महागठबंधन (INDIA Alliance) के भीतर कांग्रेस की स्थिति मजबूत कर पाएगी, या फिर यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगी।