
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में वर्ष 2020 में हुई हिंसा के मामले में भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट जल्द अपना फैसला सुना सकता है। माना जा रहा है कि होली के बाद, 24 मार्च को कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगा कि कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश पुलिस को दिया जाए या नहीं।
शिकायतकर्ता ने कई नेताओं के खिलाफ FIR की मांग की
याचिका यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर की गई है, जिसमें कपिल मिश्रा के अलावा दयालपुर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी, भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील की गई है।
दिल्ली पुलिस ने किया कपिल मिश्रा का बचाव
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में दलील दी है कि दिल्ली हिंसा में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, दंगों से संबंधित जांच के दौरान कपिल मिश्रा की भूमिका की भी समीक्षा की गई थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
कोर्ट ने सुरक्षित रखा है फैसला
इससे पहले 27 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) वैभव चौरसिया ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा कि “दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (DPSG) की चैट से स्पष्ट होता है कि चक्का जाम की योजना पहले ही 15 और 17 फरवरी 2020 के बीच बना ली गई थी। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि कपिल मिश्रा को फंसाने की एक साजिश रची गई थी।”
अब सबकी नजरें 24 मार्च को आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि दिल्ली हिंसा में कथित भूमिका को लेकर कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी या नहीं।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।