
नई दिल्ली 26 सितंबर : असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह वृद्धि महंगाई से निपटने में मजदूरों की मदद के लिए की गई है, जैसा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया।
यह संशोधन निर्माण कार्य, लोडिंग और अनलोडिंग, सुरक्षा, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों पर लागू होगा, जो केंद्रीय प्रतिष्ठानों के तहत आते हैं।
नए मजदूरी दरें 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगी। पिछला संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था। न्यूनतम मजदूरी दरों को कौशल स्तर—अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल—और भौगोलिक क्षेत्रों—ए, बी और सी—के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
संशोधन के बाद, क्षेत्र “ए” में निर्माण, सफाई, लोडिंग और अनलोडिंग के लिए अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन (20,358 रुपये प्रति माह), अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 868 रुपये प्रतिदिन (22,568 रुपये प्रति माह), कुशल और क्लेरिकल व हथियारों के बिना सुरक्षा गार्डों के लिए 954 रुपये प्रतिदिन (24,804 रुपये प्रति माह) और अत्यधिक कुशल व हथियारों के साथ सुरक्षा गार्डों के लिए 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगी।
केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते (VDA) की समीक्षा करती है, जो 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से लागू होता है। यह औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर किया जाता है।
विभिन्न क्षेत्रों, श्रेणियों और क्षेत्रों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दरों के बारे में विस्तृत जानकारी श्रम आयुक्त (केंद्रीय), भारत सरकार की वेबसाइट (clc.gov.in) पर उपलब्ध है।

VIKAS TRIPATHI
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