
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी प्रशासनिक कुर्सी पर ढाई साल बाद नए मुख्य सचिव की नियुक्ति हुई है। 1988 बैच के आईएएस अफसर मनोज कुमार सिंह को सूबे का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। मनोज कुमार सिंह के मुख्य सचिव बनने के साथ ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर ब्यूरोक्रेसी में बदलावों की चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश में जल्द ही कई अहम पदों पर बड़े फेरबदल हो सकते हैं और कई जिलाधिकारियों को भी बदला जा सकता है। सोमवार को इसकी छोटी झलक भी दिखाई दी। वाणिज्य कर कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे डॉ आदर्श सिंह की जगह नितिन बंसल को प्रभारी आयुक्त वाणिज्यकर नियुक्त किया गया है। इसके अलावा जल निगम शहरी के एमडी भी हटाए गए हैं।
कई अफसरों की केंद्र में होनी है नियुक्ति
यूपी कैडर के कई आईएएस अफसरों का केंद्र में इनपैनलमेंट हो चुका है। कुछ को राज्य सरकार की तरफ से एनओसी भी मिल गई है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक, कृषि देवेश चुतर्वेदी का इनपैनलमेंट केंद्र में सचिव पद पर हो गया है। राज्य सरकार ने दोनों को एनओसी भी दे दी है। ऐसे में चर्चा है कि केंद्र में खाली होने वाले सचिव के पदों पर इन दोनों की तैनाती हो सकती है। अगर ये दोनों अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाते हैं, तो उनके अहम पदों पर नए अफसरों की तैनाती होगी। इसके अलावा कई और अफसरों का भी केंद्र में इनपैनलमेंट हो गया है, जिनमें एक अफसर प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं।
केंद्र से कुछ अफसरों की हो सकती है वापसी
एक तरफ जहां यूपी कैडर के कुछ अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर लंबे समय से दिल्ली में तैनात कुछ अफसरों की केंद्र से यूपी में वापसी भी हो सकती है। मौजूदा समय में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव रैंक के 11 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इनमें से कई अफसर 6 साल से अधिक समय से केंद्र में तैनात हैं। इसमें प्रमुख नाम हैं कामरान रिजवी, 1991 बैच की निवेदिता शुक्ला वर्मा, 1994 बैच के अमित घोष, 1995 बैच के भुवनेश कुमार, मृत्युंजय नारायण, आमोद कुमार, धीरज साहू, नीतिश्वर कुमार, अनीता मेश्राम, और कामिनी चौहान रतन।
डिलीवरी देने वाले अफसरों को मिलेगी तरजीह
आईएएस मनोज कुमार सिंह की पहचान योजनाओं के डिलीवरी मैन के रूप में होती है। ऐसे में ब्यूरोक्रेसी की नई टीम में ऐसे अफसरों को तरजीह मिलेगी, जो तेज काम और समय पर डिलीवरी के लिए जाने जाते हैं। नए मुख्य सचिव एक ऐसी टीम तैयार करना चाहेंगे, जो तेजी से काम कर सके।
जनता की समस्याओं के निपटारे पर फोकस
जनसमस्याओं के निपटारे में ढीला रवैया अपनाने वाले कई जिलाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। नए मुख्य सचिव का खास फोकस जन समस्याओं के निस्तारण पर है। यही वजह है कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद सोमवार को मुख्य सचिव ने आईजीआरएस सिस्टम की समीक्षा बैठक की।

VIKAS TRIPATHI
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