
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में तैनात 102 पुलिसकर्मियों को हटाया गया है। इनमें से कई अधिकारियों को फायरिंग परीक्षण में असफल रहने और फिटनेस मानकों को पूरा न करने के कारण हटाया गया है। उनके स्थान पर प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), विभिन्न जिलों के पुलिसकर्मी, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और विशेष सुरक्षा बल से नए कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे।
वीआईपी ड्यूटी से हटाए गए अधिकांश अधिकारियों ने हाल ही में फायरिंग टेस्ट में असफलता का सामना किया था। इन सुरक्षाकर्मियों की दोबारा टेस्टिंग भी की गई, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। सुरक्षा मुख्यालय ने अब इन पदों को भरने के लिए पीएसी, कमीशन, जिला बलों, एसडीआरएफ और विशेष सुरक्षा बल से 102 नए अधिकारियों को चयनित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये नए अधिकारी फिटनेस और फायरिंग दोनों टेस्ट पास कर चुके हैं।
सुरक्षा मुख्यालय ने यह भी निर्णय लिया है कि 40 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात नहीं किया जाएगा। यह निर्णय तब लिया गया जब हाल ही में यूपी के पीलीभीत में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात एक कमांडो अचानक बेहोश हो गया था। इसके बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों की फिटनेस की जांच की गई।
प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) में वीआईपी सिक्योरिटी के लिए कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल शामिल हैं। पुरुष सुरक्षाकर्मियों की न्यूनतम ऊंचाई 168 सेमी होनी चाहिए और उन्हें 25 मिनट में 4.8 किमी दौड़ पूरी करनी चाहिए, जबकि महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम ऊंचाई 152 सेमी होनी चाहिए और 14 मिनट में 2.4 किमी दौड़ पूरी करनी चाहिए।

VIKAS TRIPATHI
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