
महाराष्ट्र की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर बड़ी कार्रवाई की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का उपयोग किया। इसके परिणामस्वरूप उनकी ट्रेनिंग को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और उन्हें मसूरी आईएएस अकादमी में वापस लौटने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- ट्रेनिंग रद्द और मसूरी वापसी:
- पूजा खेडकर की महाराष्ट्र के वाशिम जिले में चल रही ट्रेनिंग को रद्द कर दिया गया है।
- उन्हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी, मसूरी में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
- महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे ने इस संबंध में पूजा खेडकर को पत्र भेजा है।
- फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र:
- पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के दौरान फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले जमा किए गए सर्टिफिकेट में विकलांगता नहीं थी, लेकिन यूपीएससी परीक्षा के लिए जमा किए गए सर्टिफिकेट में विकलांगता दिखाई गई।
- नाम और उम्र में हेरफेर:
- पूजा खेडकर पर अपने नाम और उम्र में हेरफेर करने का भी आरोप है।
- 2019 में यूपीएससी प्री के लिए उन्होंने “खेडकर पूजा दिलीप राव” नाम से रजिस्ट्रेशन कराया, जबकि बाद में उनका नाम “पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर” हो गया।
- 2020 में उन्होंने अपने नाम के पहले “डॉक्टर” और नाम के बाद अपने पिता दिलीप राव का नाम लिखा, जबकि 2023 में उन्होंने अपना नाम “मिस मनोरमा” के रूप में बदल दिया।
जांच और कार्रवाई:
केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई है, जो उनके सभी दावों की जांच कर रही है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, उनकी ट्रेनिंग को रद्द कर दिया गया है और उन्हें मसूरी अकादमी में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि प्रशासनिक सेवाओं में किसी भी तरह की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

VIKAS TRIPATHI
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