
नई दिल्ली
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। लेकिन इस हमले के बाद और भी चौंकाने वाली परतें खुलती जा रही हैं। भारत सरकार द्वारा हाल ही में सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों के पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद देशभर में कुछ अप्रत्याशित तथ्य सामने आए हैं, जो यह संकेत दे रहे हैं कि यह सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क के खिलाफ चल रही रणनीतिक कार्रवाई है।
पासपोर्ट रद्दीकरण के बाद उजागर हुई एक नई परत
जैसे ही भारत सरकार ने कई पाकिस्तानी नागरिकों के पासपोर्ट निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की, जांच एजेंसियों के सामने यह नई जानकारी आई कि भारत में पिछले दो दशकों से कई महिलाएं ऐसी रह रही हैं, जिनकी शादियाँ पाकिस्तानियों से हुई हैं। ये महिलाएं अपने बच्चों के साथ भारत में बसा जीवन जी रही हैं, जबकि उनके बच्चे पाकिस्तान की नागरिकता रखते हैं। इतना ही नहीं, ये परिवार भारत की सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ भी उठा रहे हैं — जैसे कि राशन कार्ड, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और आवासीय योजनाएं।
कानपुर में 20 साल से रह रही बहन, अब पाकिस्तान से बुलावा
उत्तर प्रदेश के कानपुर से आया एक मामला भी इसी संदर्भ में गंभीरता से देखा जा रहा है। यहाँ एक स्थानीय व्यक्ति ने खुलासा किया कि उसकी बहन की शादी करीब 20 साल पहले एक पाकिस्तानी नागरिक से हुई थी और वह तब से भारत में रह रही है। अब अचानक उसका पति पाकिस्तान से उसे और बच्चों को वापस बुला रहा है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या यह कोई व्यक्तिगत मामला है या इसके पीछे कोई गहरी रणनीति छिपी है?
क्या यह पाकिस्तानी नागरिकों की सोची-समझी घुसपैठ की योजना है?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन मामलों को सिर्फ पारिवारिक या मानवीय दृष्टिकोण से देखना अब काफी नहीं है। पाकिस्तान की तरफ से लंबे समय तक भारत में सामाजिक रूप से जड़ें जमाने की रणनीति — स्लीपर सेल्स, नागरिक सुविधाओं का दुरुपयोग और भविष्य में खुफिया नेटवर्क के लिए ज़मीन तैयार करना — जैसी आशंकाएँ अब वास्तविक लगने लगी हैं।
पहलगाम हमला: चेतावनी या शुरुआत?
पहलगाम में हालिया आतंकी हमला केवल एक चेतावनी मात्र नहीं, बल्कि देश को जागरूक करने वाला संकेत हो सकता है कि किस प्रकार सीमापार से योजनाबद्ध घुसपैठ सामाजिक माध्यमों से की जा रही है। पाकिस्तानी नागरिकों से विवाह, बच्चों की नागरिकता और भारत में स्थायी निवास के जरिए देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ संभव है।
जनता की सरकार से मांग: तत्काल उच्चस्तरीय जांच हो
देशभर में यह मांग उठ रही है कि केंद्र सरकार इन मामलों में तत्काल जांच के आदेश दे। विशेष रूप से उन भारतीय महिलाओं और उनके परिवारों की जो पाकिस्तानियों से शादी के बाद भारत में रह रहे हैं और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। क्या ये लोग नागरिकता नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं? क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई के बाद सामने आए ये मामले केवल कानूनी तकनीकी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला बन चुके हैं। समय आ गया है कि ऐसे सभी मामलों की समग्र और पारदर्शी जांच हो, ताकि देश की सुरक्षा से कोई भी समझौता न होने पाए।