
महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस ने राज्य के गोंदिया जिले के 35 वर्षीय व्यक्ति जगदीश उइके की पहचान की है, जो हाल ही में एयरलाइंस को दी गई झूठी बम धमकियों के मामलों में शामिल है। इन धमकियों से हवाई अड्डों और अन्य प्रतिष्ठानों में अफरा-तफरी मच गई, उड़ानों में देरी हुई, और सुरक्षा कड़ी कर दी गई। विशेष शाखा द्वारा की गई जांच में उइके का नाम सामने आया है, जो पहले भी आतंकवाद पर लिखी अपनी पुस्तक के लिए 2021 में गिरफ्तार हो चुका है। फिलहाल उइके फरार है और पुलिस उसके पीछे लगी हुई है।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) श्वेता खेड़कर के नेतृत्व में जांच में पता चला कि उइके ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), रेल मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री, एयरलाइंस कार्यालयों, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सहित कई सरकारी विभागों को धमकी भरे ईमेल भेजे थे।
सोमवार को नागपुर पुलिस ने उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के निवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी, जब उइके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा जताई और अपनी तथाकथित “गुप्त आतंक कोड” की जानकारी देने के लिए प्रदर्शन की धमकी दी। उइके ने 21 अक्टूबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी एक ईमेल भेजा था, जो बाद में डीजीपी और आरपीएफ को भी अग्रेषित किया गया, जिससे रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए।
बीते 13 दिनों में 26 अक्टूबर तक भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित 300 से अधिक उड़ानों को झूठी बम धमकियां मिलीं। 22 अक्टूबर को ही लगभग 50 उड़ानों, जिनमें इंडिगो और एयर इंडिया की 13-13 उड़ानें शामिल थीं, को बम धमकियों का सामना करना पड़ा। नागपुर पुलिस ने उइके को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है और जल्द ही उसे गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।

VIKAS TRIPATHI
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