
अमरावती: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वे अपनी मां और बहन की रजाकारों के हमले में हुई मौत पर जानबूझकर खामोश रहते हैं, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर है।
खड़गे के आरोपों पर कड़ा जवाब
खड़गे ने हाल ही में योगी आदित्यनाथ के भगवा पहनावे और “बांटेंगे तो काटेंगे” नारे पर निशाना साधा था। इसके जवाब में योगी ने महाराष्ट्र के अमरावती में चुनावी रैली में कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि खड़गे ने अपनी मां, बहन और गांव की तबाही की दर्दनाक यादों को वोट बैंक की राजनीति के लिए दबा दिया है। योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ऐतिहासिक अत्याचारों को नकारने का प्रयास करती है ताकि मुस्लिम वोट बैंक को बचाया जा सके।
रजाकारों के हमले की याद दिलाई
योगी आदित्यनाथ ने खड़गे को याद दिलाते हुए कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे का गांव वरावट्टी भी रजाकारों द्वारा जला दिया गया था, और उनकी मां, बहन और चाची की मौत उन्हीं हमलों में हुई थी।” उन्होंने आगे कहा कि खड़गे इस सच्चाई को इसलिए छिपाते हैं क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर है। योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इतिहास के इन काले अध्यायों को केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए भुला दिया है।
रजाकारों का इतिहास
रजाकार एक अर्धसैनिक बल था जो हैदराबाद रियासत में मुस्लिम निजाम के शासन की रक्षा करने और भारत में विलय को रोकने के उद्देश्य से काम करता था। योगी ने कहा, “स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब निजाम को अहसास हुआ कि वह स्वतंत्र नहीं रह सकता, तो उसने हिंदुओं की हत्या कराना शुरू किया।”
अंबेडकर का सुझाव
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जातियों को महाराष्ट्र में सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी थी, ताकि वे निजाम के शासन से बच सकें।
विभाजन की चेतावनी
योगी ने देश में विभाजन और फूट की चेतावनी देते हुए कहा, “अगर आप विभाजित रहेंगे तो आपकी बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी, मंदिरों पर हमले होंगे और समुदायों को निशाना बनाया जाएगा। यही वास्तविकता है जब आप एकजुट नहीं होते।” उन्होंने महाराष्ट्र में “लव जिहाद और लैंड जिहाद” की घटनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए कांग्रेस सरकारों को दोषी ठहराया।
खड़गे की टिप्पणी
चुनावी रैली में खड़गे ने कहा था, “कई नेता साधु के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं,” और उन्होंने योगी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, “एक तरफ आप ‘गेरुआ’ (भगवा) कपड़े पहनते हैं और दूसरी तरफ ‘बांटेंगे तो काटेंगे’ कहते हैं। मैं बीजेपी से कहूंगा कि या तो सफेद कपड़े पहनें, या अगर आप सन्यासी हैं तो ‘गेरुआ’ कपड़े पहनें, लेकिन फिर राजनीति छोड़ दें।”
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ का यह बयान कांग्रेस के नेतृत्व पर सीधा हमला था और आगामी विधानसभा चुनावों में ध्रुवीकरण की राजनीति को और तेज कर सकता है। दोनों ही पक्षों के बीच बढ़ते इस तनाव से चुनावी माहौल और गरमा सकता है।

VIKAS TRIPATHI
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