
गाजीपुर – डा. रवि रंजन, अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मरदह की अध्यक्षता में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिला सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर (SMO – WHO) द्वारा संभावित पोलियो और खसरा-गलाघोंटू पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह के सभागार में आयोजित हुई।

कार्यशाला में डा. रवि रंजन ने बताया कि पिछले तीन महीनों में यदि किसी व्यक्ति को बुखार के साथ चकत्ते या लाल सुखे दाने हों, तो वह खसरा या रुबेला हो सकता है। इसके अलावा, यदि पिछले 6 महीनों में 15 वर्ष तक के किसी बच्चे का अंग अचानक कमजोर या लुंज हो गया हो, तो उसे भी रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार, गले में दर्द, टांसिल का लाल होना, खांसी, या टांसिल के आस-पास सफेद झिल्ली हो, तो यह गलाघोटू के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, या खांसते समय सांस में जोरदार आवाज हो और खांसी के बाद उल्टी हो, तो यह काली खांसी का लक्षण हो सकता है, जिसे भी रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
डा. रवि रंजन ने यह भी बताया कि यदि नवजात शिशु को 3 दिन से लेकर 28 दिन की आयु तक मां का दूध नहीं मिल रहा हो, वह रो नहीं रहा हो, या उसके शरीर में अकड़न या कड़ापन हो, तो यह नवजात के टेटनेस का लक्षण हो सकता है और इसे तुरंत रिपोर्ट किया जाना चाहिए ताकि समय पर उपचार किया जा सके।
कार्यशाला में ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक प्रेम प्रकाश राय, विश्व स्वास्थ्य संगठन के ब्लॉक मानिटर अभिषेक द्विवेदी, फार्मासिस्ट राम प्रकाश चौधरी, डा. इमरान उस्मानी, डा. एम. लारी, डा. राजीव गौड़, और सभी आर.बी.एस.के चिकित्सक, ए.एन.एम. और सी.एच.ओ. उपस्थित थे।