
नई दिल्ली:
दिल्ली की पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दो प्रमुख चेहरों — मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन — की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण से जुड़े कथित घोटाले के मामले में दोनों नेताओं को समन जारी किया है।
सत्येंद्र जैन को 6 जून और मनीष सिसोदिया को 9 जून को पेश होने का आदेश दिया गया है।
क्या है मामला?
ACB ने 30 अप्रैल 2025 को एक FIR दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि दिल्ली सरकार की पिछली AAP सरकार के दौरान बनाए गए 12,748 कक्षाओं/सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर्स में भारी वित्तीय अनियमितताएं हुईं। यह मामला केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की मुख्य तकनीकी परीक्षक (CTE) की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे लगभग तीन साल तक दबाकर रखा गया था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा के अनुसार, CVC रिपोर्ट में परियोजना की लागत, प्रक्रियाओं और गुणवत्ता में गंभीर विसंगतियों की ओर इशारा किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत अनुमति मिलने के बाद ACB ने यह कार्रवाई की।
क्या कहती है रिपोर्ट और बीजेपी?
- निर्माण की प्रस्तावित लागत: ₹1,200 प्रति वर्ग फुट
- वास्तविक खर्च: लगभग ₹2,292 प्रति वर्ग फुट
- प्रति कक्षा लागत: ₹24.86 लाख (जबकि समान परियोजनाओं की औसत लागत ₹5 लाख होती है)
बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, हरीश खुराना और नीलकांत बख्शी ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में 34 ठेकेदार शामिल थे, जिनमें से कई आम आदमी पार्टी से कथित रूप से जुड़े थे।
तीनों नेताओं ने तीन अलग-अलग स्कूल जोनों में वित्तीय प्रबंधन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाला आम आदमी पार्टी की पारदर्शिता की कथित नीति पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
सिसोदिया और जैन की भूमिका
- मनीष सिसोदिया: उस समय वित्त और शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे।
- सत्येंद्र जैन: स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी थे।
इन दोनों नेताओं पर निर्माण परियोजना में सरकारी धन के दुरुपयोग और गैर-पारदर्शी प्रक्रियाओं के ज़रिए ठेके देने का आरोप है।
राजनीतिक प्रभाव और संभावित कार्रवाई
ACB की यह कार्रवाई आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी दिल्ली से बाहर अपने राजनीतिक विस्तार में लगी है।
अगर जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल पूर्व मंत्रियों के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है बल्कि पूरी पार्टी की छवि पर भी असर डालेगा।
सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के नाम पर शुरू की गई यह परियोजना अब एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले का रूप लेती जा रही है। समन जारी होने के बाद अब सबकी निगाहें 6 और 9 जून पर टिकी होंगी, जब जैन और सिसोदिया ACB के सामने पेश होंगे।