
नोएडा में फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर: रजिस्ट्री की समस्या का हल
नोएडा में फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे 30 हजार से अधिक खरीदारों के लिए अब अच्छी खबर है। नोएडा प्राधिकरण ने 13 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है और उन्हें शर्त रखी है कि यदि वे नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल और कोर्ट से केस वापस लेते हैं, तो उनके बकाया का रि-शिड्यूल किया जा सकता है। इससे फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग विभाग के सीईओ डॉ. लोकेश एम के निर्देशन में यह फैसला लिया है, जिससे कि बिल्डरों को अमिताभकांत आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जा सके। ये बिल्डर दिवालिया प्रक्रिया में शामिल होने के लिए नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) व अदालत की शरण में हैं।
वर्तमान में 17 बिल्डर परियोजनाओं में जो फ्लैट खरीदारों के साथ विवाद है, उनमें 25 से 30 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं। इस निर्णय से इन खरीदारों को अब अपने आशियाना का मालिकाना हक मिलने की उम्मीद है, जिनके पास अदालत के फैसले का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
बिल्डरों पर कितना बकाया है?
वर्तमान में 17 बिल्डर परियोजनाएं ऐसी हैं जो फ्लैट खरीदारों के साथ विवादों के कारण एनसीएलटी और अदालत में हैं। इसमें 25 से 30 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं, जिनके पास अदालत के फैसले का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

स्पोर्ट्स सिटी पर भी अमिताभ कांत आयोग की सिफारिशों को लागू करने का नियम नहीं है। यहां करीब 40 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं। सभी फ्लैट खरीदार सेक्टर-78, 79, 101, 150, और 152 में स्थित बिल्डर परियोजनाओं के हैं। इस योजना में बिल्डरों को खेल सुविधाओं का विकास करना होगा, तब तक उन्हें आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) नहीं मिलेगा।
प्राधिकरण के अनुसार, एनसीएलटी और कोर्ट केस में शामिल बिल्डरों पर लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।

VIKAS TRIPATHI
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