
फिरोजाबाद।
कानून के रखवाले जब कानून की मूल आत्मा को ही समझने में चूक करें, तो सवाल उठना लाज़मी है। ऐसा ही मामला सामने आया है फिरोजाबाद में, जहां पुलिस की एक बड़ी लापरवाही ने न्याय व्यवस्था को शर्मसार कर दिया।
कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से समझते हुए थाना रसूलपुर के सब-इंस्पेक्टर बनवारी लाल ने मजिस्ट्रेट नगमा खान को ही आरोपी मान लिया और उनके घर पर दबिश दे डाली। हैरानी की बात ये रही कि SI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा —
“आरोपी नगमा खान घर पर नहीं मिली, कृपया आगे की कार्रवाई की जाए।”
जब ये रिपोर्ट कोर्ट में पेश हुई, तो खुद जज ही आरोपी बना देख न्यायिक व्यवस्था हैरान रह गई। कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर लापरवाही मानते हुए SI बनवारी लाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कोर्ट ने SI को किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन SI ने आदेश को समझने में भारी चूक कर दी और मजिस्ट्रेट के खिलाफ ही कार्रवाई शुरू कर दी।
इस घटना ने पुलिसिया प्रणाली की कार्यप्रणाली और ट्रेनिंग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मजिस्ट्रेट के साथ ऐसी भूल अगर हो सकती है, तो आम नागरिकों के साथ क्या हो रहा होगा — यह सोचने पर मजबूर करता है।
अब देखना यह है कि इस गंभीर भूल पर पुलिस विभाग क्या कदम उठाता है और संबंधित अधिकारी की जवाबदेही कैसे तय की जाती है।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।