
हरियाणा चुनाव परिणामों के लगभग एक सप्ताह बाद, कांग्रेस और उस पार्टी का समर्थन करने वाले संगठनों के बीच मतभेद जारी हैं।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चरूनी ने चुनाव परिणामों पर असंतोष व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि किसानों के आंदोलन ने कांग्रेस के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया था। हालांकि, चरूनी ने कांग्रेस की हार का दोष भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भी मढ़ा।
गुरनाम सिंह चरूनी ने पिहोवा विधानसभा सीट से हरियाणा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी जमानत तक गंवा बैठे। कांग्रेस ने यह सीट जीती थी।चरूनी ने कहा, “मुझे लगता है कि भूपिंदर हुड्डा काफी मूर्ख हैं। हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना, वह हमने बनाया, किसानों ने बनाया…कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यह है कि हुड्डा ने कोई समझौता नहीं किया, और कांग्रेस ने सब कुछ उनके ऊपर छोड़ दिया। मैं अब भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कहना चाहता हूं कि भूपिंदर हुड्डा को विपक्ष का नेता न बनाएं। क्योंकि पिछले 10 सालों में हुड्डा ने विपक्ष के नेता की भूमिका नहीं निभाई, यह भूमिका बीकेयू ने निभाई।”
‘किसान नेता का यह पहला दावा नहीं है’: टिकैत और योगेंद्र यादव का भी असंतोष
यह पहली बार नहीं है जब किसी किसान नेता ने ऐसे दावे किए हैं। इससे पहले, पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी कहा था कि उन्होंने किसानों के आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए माहौल तैयार किया, लेकिन विपक्षी दल उस मौके का लाभ नहीं उठा सके।
इसी तरह, किसान नेता राकेश टिकैत ने भी हरियाणा चुनाव परिणामों पर असंतोष व्यक्त किया था। मुजफ्फरनगर स्थित अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जनता स्पष्ट रूप से नाराज थी, इसके बावजूद इतनी व्यापक नाराजगी के बीच भी बीजेपी सरकार बना रही है। उन्होंने कहा कि यह देश को नुकसान की ओर ले जाएगा। टिकैत ने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता कि जनता ने वास्तव में उन्हें वोट दिया है; इसमें कुछ गड़बड़ी या छेड़छाड़ जरूर हुई होगी।”

VIKAS TRIPATHI
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