
भारत अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए रूस के TU-160 ‘ब्लैकजैक’ बमवर्षक विमान को खरीदने पर विचार कर रहा है। ‘सफेद हंस’ के नाम से मशहूर यह विमान रूस की न्यूक्लियर ट्रायड का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
TU-160: दुनिया का सबसे ताकतवर बमवर्षक विमान
TU-160 इतना शक्तिशाली है कि यह एक उड़ान में पूरी दुनिया का चक्कर लगा सकता है। इसकी लंबी दूरी की क्षमता और भारी बमों से हमला करने की योग्यता इसे विश्व के अन्य बमवर्षकों से अलग बनाती है। यह विमान इतना खतरनाक है कि अमेरिका इसकी उड़ानों पर सैटेलाइट से नजर रखता है।
भारत और TU-160 की संभावित डील
करीब दो दशक पहले सोवियत-निर्मित TU-22M3 विमान को भारतीय नौसेना में शामिल करने का प्रस्ताव था, लेकिन अधिक किराया और आधुनिकीकरण की लागत के कारण यह सौदा नहीं हो पाया। अब, रूस भारत को TU-160M का एक मॉडर्न वर्जन ऑफर कर रहा है, जो भारत की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमताओं को बढ़ा सकता है।
TU-160M की उत्पादन प्रक्रिया अभी भी जारी है और 2018 में हुए एक अनुबंध के तहत 2027 तक रूसी वायुसेना को 10 यूनिट्स डिलीवर की जाएंगी। इस आधुनिक संस्करण में उन्नत एवियोनिक्स और नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं, जो इसे 60% अधिक प्रभावी बनाते हैं।
TU-160 की प्रमुख विशेषताएं
- अधिकतम गति: 2,220 किलोमीटर प्रति घंटा
- अधिकतम भार क्षमता: 1,10,000 किलोग्राम
- विंगस्पैन: 56 मीटर
- पहली उड़ान: 16 दिसंबर, 1981
- रूसी बेड़े में मौजूद: 17 विमान (लगातार अपग्रेड किए जा रहे हैं)
TU-160 एक रणनीतिक बमवर्षक है, जिसका उद्देश्य दुश्मन के ठिकानों पर भारी बम गिराना और उन्हें अस्थिर करना है। रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने वर्तमान ऑपरेशन में भी TU-160 बमवर्षक का इस्तेमाल किया है।
TU-160 की पुनः तैनाती
रूस ने 1995 में TU-160 को उच्च परिचालन लागत के कारण सेवा से हटा लिया था, लेकिन 2015 में इसे अपग्रेड करके फिर से तैनात किया गया। इसका कारण रूस के रणनीतिक बमवर्षक बेड़े में गिरावट और नए खतरों का उभरना था।
भारत की दिलचस्पी
भारत की दिलचस्पी TU-160 में 2022 में तब स्पष्ट हुई, जब तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल अनूप राहा ने ‘चाणक्य संवाद’ कार्यक्रम में इस विमान को लेकर संकेत दिए थे। रक्षा विश्लेषक भरत कर्नाड के एक सवाल के जवाब में राहा ने कहा कि भारत रूस के TU-160 विमान में रुचि रखता है। इस बयान के बाद भारत की ओर से इस विमान को खरीदने की संभावनाओं पर अटकलें तेज हो गईं।
भारत को TU-160 की क्यों जरूरत?
भारत लंबे समय से एक रणनीतिक बमवर्षक की तलाश में है, जिससे वह दो मोर्चों पर संभावित संघर्षों को संभाल सके। भारत की सीमा विवाद चीन और पाकिस्तान दोनों से है, जो एक दूसरे के करीबी सहयोगी हैं। ऐसे में, भारत को एक ऐसे बमवर्षक की जरूरत है, जो एक उड़ान में लंबी दूरी तय कर सके और कम रखरखाव व परिचालन लागत पर भारी हमले कर सके। TU-160 इन सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है और भारत की रक्षा जरूरतों के लिए एक उपयुक्त विकल्प साबित हो सकता है।

VIKAS TRIPATHI
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