
UP Police Recruitment: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने हाल ही में सिपाही भर्ती परीक्षा का फाइनल परिणाम जारी किया। लेकिन रिजल्ट घोषित होते ही कुछ उम्मीदवारों के चयन को लेकर सवाल उठने लगे, खासकर पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय के ओबीसी (OBC) श्रेणी में चयन को लेकर। सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि क्या यह चयन प्रक्रिया पारदर्शी थी।
भर्ती बोर्ड का आधिकारिक बयान
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी अभ्यर्थी का चयन केवल उसके नाम या उपनाम के आधार पर नहीं किया जाता है। सभी चयनित उम्मीदवारों के जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जो पूरी तरह से वैध और प्रमाणिक प्रक्रिया के तहत होता है।
कैसे होती है जाति प्रमाण पत्रों की जांच?
भर्ती बोर्ड ने बताया कि जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कई स्तरों पर किया जाता है:
1. प्रारंभिक जांच – सभी अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा की जाती है।
2. दस्तावेज़ सत्यापन बोर्ड – यह बोर्ड, जिसमें उपजिलाधिकारी (SDM) और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं, उम्मीदवारों के जाति प्रमाण पत्र की गहन जांच करता है।
3. अंतिम सत्यापन – चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले, संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) द्वारा एक बार फिर सत्यापन किया जाता है।
क्या हैं पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय की जातियां?
सोशल मीडिया पर पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय के ओबीसी वर्ग में चयन को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इस पर यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने स्पष्ट किया कि:
• पंकज पांडे – उनके जाति प्रमाण पत्र के अनुसार, वह ‘गोसाई’ जाति से हैं, जो उत्तर प्रदेश में ओबीसी श्रेणी में आती है।
• शिवानी उपाध्याय – उनके जाति प्रमाण पत्र में उनकी जाति ‘जोगी’ दर्ज है, जो ओबीसी वर्ग में शामिल है।
बोर्ड ने दोहराया कि इन दोनों उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से वैध और प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर हुआ है।
भ्रामक प्रचार से बचने की अपील
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने सभी से अपील की है कि वे बिना प्रमाण के जातिगत टिप्पणियां करने से बचें। इस तरह की अफवाहें न केवल उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि यह कानूनी अपराध भी हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति के पास किसी उम्मीदवार के जाति प्रमाण पत्र को लेकर ठोस और प्रमाणिक जानकारी है, तो वह sampark@uppbpb.gov.in पर इसकी सूचना दे सकता है।
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
बोर्ड ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अतः आम जनता से अनुरोध किया गया है कि बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के किसी भी अफवाह को न फैलाएं और न ही उसमें सहयोग करें।
60,244 पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने 60,244 पदों पर भर्ती के लिए 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त 2024 को लिखित परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद शारीरिक मानक परीक्षण (PST) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) भी संपन्न हुई।
कैटेगरी-वाइज चयनित उम्मीदवारों की संख्या:
• जनरल (सामान्य) वर्ग – 24,102 उम्मीदवार
• EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) – 6,024 उम्मीदवार
• OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) – 16,264 उम्मीदवार
• SC (अनुसूचित जाति) – 12,650 उम्मीदवार
• ST (अनुसूचित जनजाति) – 1,204 उम्मीदवार
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि पूरी चयन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। यदि किसी को भी इस संबंध में कोई संदेह है, तो वे आधिकारिक माध्यमों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

VIKAS TRIPATHI
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