
केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी में आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों के आंकड़े मांगे, सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के भीतर कलह के बीच, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आउटसोर्सिंग और संविदा पर भर्ती किए गए कर्मचारियों की संख्या और उनमें आरक्षण के नियम का पालन किए जाने की जानकारी मांगी थी। अब इन आंकड़ों के सामने आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
सूचना विभाग के आंकड़े:
यूपी में सूचना विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल 676 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हायर किए गए हैं, जिनमें से 512 कर्मचारी रिजर्व वर्ग से हैं। इनमें 340 कर्मचारी ओबीसी वर्ग से आते हैं, जो 75 प्रतिशत से भी अधिक हैं।
केशव प्रसाद मौर्य की मांग:
केशव मौर्य ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग को चिट्ठी लिखकर इन आंकड़ों की जानकारी मांगी थी। यह चिट्ठी 14 जुलाई को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के अगले दिन ही लिखी गई थी। मौर्य ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती और आरक्षण के नियमों के पालन की जानकारी मांगी थी, खासकर तब जब आउटसोर्सिंग में आरक्षण का नियम अभी लागू नहीं किया गया है।
आरक्षण का मुद्दा:
बड़ी बात यह है कि आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को शासन स्तर पर नहीं बल्कि विभाग द्वारा हायर की गई एजेंसियों के माध्यम से भर्ती किया जाता है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने संविधान और आरक्षण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, जो बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण बना।
आगामी कदम:
माना जा रहा है कि यूपी में मिली हार के बाद योगी सरकार आउटसोर्सिंग की भर्तियों में आरक्षण का नियम लागू करने का बड़ा फैसला ले सकती है। इसके लिए सरकार ने सभी विभागों से जानकारी भी मांगी है, ताकि आउटसोर्सिंग के तहत भी भर्तियों में आरक्षण का नियम लागू किया जा सके।

VIKAS TRIPATHI
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