
अगर आप रोज़ाना सुबह 3-4 बजे उठ रहे हैं और इसका कारण नहीं समझ पा रहे हैं, तो यह किसी गंभीर नींद विकार का संकेत हो सकता है। समय-समय पर बीच रात में जागना सामान्य है, लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आज हम इस बारे में विस्तार से समझाएंगे।
नींद चक्र कैसे काम करता है?
नींद हमारे शरीर के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, ये हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सोते समय हमारा शरीर कई चरणों से गुज़रता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हमारी नींद कई चक्रों में विभाजित होती है, जिनमें से प्रत्येक चक्र लगभग 90 मिनट का होता है। इन चक्रों में हमारी नींद हल्की से गहरी होती है और अंत में रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद आती है, जहां सपने देखे जाते हैं। REM नींद याददाश्त और सीखने के लिए महत्वपूर्ण होती है।
सुबह 3-4 बजे जागने का कारण क्या है?
जैसे-जैसे हम उम्रदराज होते हैं, हमारी नींद का पैटर्न बदलता है। डॉक्टर बताते हैं कि उम्र, स्वास्थ्य समस्याएं, जीवनशैली और दवाओं के कारण नींद के चक्र में बदलाव आता है। कुछ दवाएं भी नींद को प्रभावित कर सकती हैं, जबकि दर्द, सांस लेने में कठिनाई, या पाचन समस्याएं भी जागने का कारण बन सकती हैं। इससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और सुबह थकान महसूस होती है।
तनाव से मुक्त रहना क्यों जरूरी है?
अत्यधिक तनाव का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण शरीर में एक “अलार्म” सिस्टम सक्रिय हो जाता है, जो आपको रात के बीच में भी जगा सकता है।

दवाओं के दुष्प्रभाव
कई दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग भी नींद की समस्याओं का कारण बन सकता है। इनमें शामिल हैं:
- सर्दी और खांसी की दवाएं: इनमें कुछ तत्व नींद को बाधित कर सकते हैं।
- एंटीडिप्रेसेंट्स: ये मूड सुधारने में मदद करते हैं, लेकिन कभी-कभी नींद में रुकावट ला सकते हैं।
- उच्च रक्तचाप की दवाएं: ये नींद को प्रभावित कर सकती हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: सूजन कम करने के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन जागरण का कारण बन सकते हैं।
- ड्यूरेटिक्स: शरीर से अतिरिक्त पानी निकालते हैं, लेकिन नींद में रुकावट ला सकते हैं।
नींद में रुकावट के अन्य कारण
- स्लीप एपनिया: सोते समय सांस का रुकना
- गैस्ट्रिक समस्याएं: एसिड रिफ्लक्स या अन्य पाचन समस्याएं
- आर्थराइटिस: जोड़ों में दर्द
- डिप्रेशन: मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां
- तंत्रिका संबंधी समस्याएं: तंत्रिका तंत्र पर असर डालने वाले विकार
- मेनोपॉज: महिलाओं में हार्मोनल बदलाव
- प्रोस्टेट समस्या: पुरुषों में प्रोस्टेट का बढ़ना और बार-बार पेशाब जाना
- हाइपरथायरॉयडिज्म: अत्यधिक सक्रिय थायरॉयड
- लीवर समस्याओं के संकेत
यदि आप नियमित रूप से 3-4 बजे जाग रहे हैं, तो यह लीवर की कार्यक्षमता से भी जुड़ा हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लीवर ठीक से काम न करने पर यह रक्त प्रवाह में बाधा डाल सकता है, जिससे नींद में रुकावट हो सकती है।
नींद में बार-बार व्यवधान आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
