Friday, June 13, 2025
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सीजफायर पर बोले शशि थरूर: “1971 की तरह नहीं हैं हालात, शांति आज की सबसे बड़ी जरूरत” | कहा- पाकिस्तान पर भरोसा करना आसान नहीं

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर समझौते को लेकर देश में राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने इस मामले में एक संतुलित लेकिन चुटीला बयान दिया है, जो सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

शशि थरूर ने कहा- शांति जरूरी थी, युद्ध हमारा लक्ष्य नहीं

शशि थरूर ने कहा, “भारत कभी भी लंबे समय तक युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी था। मेरा मानना है कि वह सबक सिखा दिया गया है। अब शांति स्थापित करना ही समझदारी है।” उन्होंने यह भी कहा कि सीजफायर एक ज़रूरी कूटनीतिक कदम था, जिससे अनावश्यक तनाव को रोका गया

1971 और 2025 की परिस्थितियों की तुलना को बताया गलत

थरूर ने 1971 की ऐतिहासिक जंग और वर्तमान हालातों की तुलना पर आपत्ति जताते हुए कहा,
“1971 की परिस्थितियां अलग थीं। तब बांग्लादेश की आज़ादी के लिए एक नैतिक लड़ाई लड़ी जा रही थी। इंदिरा गांधी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेकर एक नए भूगोल की रचना की थी। लेकिन आज का संघर्ष आतंकवाद से है, न कि किसी स्वतंत्रता संग्राम से।”

https://twitter.com/ANI/status/1921389962605339120

उन्होंने जोड़ा कि “आज पाकिस्तान पर सिर्फ गोले बरसाना हल नहीं है, देश को एक दीर्घकालिक शांति रणनीति की जरूरत है।”

“उसकी फितरत है मुकर जाने की…” – पाकिस्तान पर शायरी में तंज

थरूर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाते हुए उर्दू में लिखा:

“उसकी फितरत है मुकर जाने की,
उसके वादे पे यक़ीं कैसे करूं?”

यह शेर उनके उस संदेश का हिस्सा था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के सीजफायर वादे को संदिग्ध बताया और भारत को सतर्क रहने की सलाह दी।

सरकार आतंकियों को दे कड़ी सजा – थरूर

थरूर ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि “हमें भरोसा है कि सरकार जल्द ही हमले में शामिल आतंकियों की पहचान करेगी और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। आतंकवाद के खिलाफ भारत को कठोर लेकिन संतुलित रवैया अपनाना चाहिए।”

राजनीतिक संतुलन या विपक्षी सावधानी?

राजनीतिक विश्लेषक थरूर के बयान को एक राजनयिक संतुलन की तरह देख रहे हैं। एक ओर वह सरकार की कार्रवाई का समर्थन करते हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रति ऐतिहासिक अविश्वास भी जाहिर करते हैं। इससे यह संदेश भी जाता है कि विपक्ष सरकार की हर रणनीति का विरोध करने के बजाय राष्ट्रहित में संतुलन का रुख अपना सकता है

https://twitter.com/ANI/status/1921386601852108990

थरूर का संदेश—युद्ध नहीं, विवेक से मिलेगी जीत

शशि थरूर के ताज़ा बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस इस मामले में देश के साथ खड़ी है, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी देती है कि शांति के प्रयासों में सतर्कता न छोड़ी जाए।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर रहा है, इसलिए भारत को हर कदम रणनीतिक रूप से उठाना चाहिए।

 

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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