
Stock Market Crash: सोमवार को आई भारी गिरावट ने शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया। एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति में 13 लाख करोड़ रुपये की भयंकर सेंध लग गई। क्या है इस गिरावट की असल वजह? जानिए पूरी कहानी।
सोमवार को मची भगदड़, डरे-सहमे निवेशक
भारतीय शेयर बाजार का यह सोमवार किसी काले दिन से कम नहीं रहा। सेंसेक्स में 1,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट, निफ्टी 300 अंक से नीचे, और करीब 2,800 से ज्यादा शेयर लाल निशान में बंद हुए।
रिटेल निवेशकों से लेकर बड़े संस्थागत खिलाड़ियों तक—हर किसी के पोर्टफोलियो में लालिमा छा गई। इस अचानक आई गिरावट से लोग न केवल हैरान हैं, बल्कि आशंकित भी हैं कि यह गिरावट और गहराएगी क्या?
गिरावट के 5 बड़े कारण: कहां से शुरू हुई तबाही?
- वैश्विक मंदी की आहट
दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं कमजोर आंकड़े दिखा रही हैं। अमेरिका, यूरोप और चीन की धीमी विकास दर ने मंदी की आशंका को बढ़ा दिया है। निवेशक जोखिम से बचने की कोशिश में पैसा बाजार से निकाल रहे हैं।
- अमेरिकी टैरिफ और व्यापारिक टकराव
अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों और चीन से चल रहे व्यापार युद्ध ने ग्लोबल ट्रेड सिस्टम को झटका दिया है। निवेशकों को डर है कि इससे कंपनियों की आय और ग्रोथ पर असर पड़ेगा।
- कच्चे तेल और धातुओं की गिरती कीमतें
तेल और मेटल की कीमतों में तेज गिरावट ने एनर्जी व मेटल सेक्टर्स को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसने शेयर बाजार में दबाव और बढ़ा दिया।
- FIIs की जबरदस्त बिकवाली
डॉलर की मजबूती, अमेरिकी ब्याज दरों की अनिश्चितता और बांड यील्ड्स में बढ़ोतरी के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से बाहर निकलने लगे हैं।
- घरेलू अनिश्चितता
आगामी लोकसभा चुनाव, महंगाई का दबाव, और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट ने घरेलू निवेशकों को भी सतर्क कर दिया है।
कितना बड़ा है नुक़सान?
• 13 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजी एक दिन में साफ हो गई।
• मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 4-5% तक की गिरावट आई।
• लाखों निवेशकों की सालों की पूंजी मिट्टी में मिलती दिखाई दी।
निवेशकों का हाल: डर, बेचैनी और असमंजस
सोशल मीडिया से लेकर ब्रोकरेज हाउस तक, हर जगह सिर्फ एक ही चर्चा — अब क्या करें?
कई निवेशकों ने जल्दबाज़ी में अपने शेयर बेच दिए, जबकि कुछ अब भी फंडामेंटल्स पर भरोसा करके टिके हुए हैं।
अब क्या करें? बाहर निकलें या बने रहें?
वित्तीय विशेषज्ञों की राय:
“इस तरह की गिरावटें बाजार का हिस्सा हैं। यह अस्थायी दौर है। अगर आपने मजबूत कंपनियों में निवेश किया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे समय में ही दीर्घकालिक अवसर बनते हैं।”
निष्कर्ष: बाजार का यह झटका एक चेतावनी है
सोमवार की भारी गिरावट ने यह साफ कर दिया कि शेयर बाजार में जोखिम कभी भी दस्तक दे सकता है। लेकिन डरकर पीछे हटना समाधान नहीं है। यह समय है:
• विवेकपूर्ण निर्णय लेने का,
• भावनाओं पर नियंत्रण रखने का,
• और अपने निवेश लक्ष्यों के साथ ईमानदार बने रहने का।
याद रखें: बाजार गिरते हैं, उठते भी हैं — पर समझदारी से किया गया निवेश ही सबसे बड़ी ताकत है।

VIKAS TRIPATHI
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