Friday, June 20, 2025
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वृंदावन कॉरिडोर को लेकर उबाल: सुधांशु त्रिवेदी को रोका, स्थानीयों ने सौंपा विरोध पत्र, बोले- “विधायक मिलते नहीं, सांसद का कोई पता नहीं”

वृंदावन, : वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। इसी सिलसिले में शनिवार को जब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के बाद लौट रहे थे, तो स्थानीय नागरिकों ने उन्हें रास्ते में रोककर कॉरिडोर निर्माण के विरोध में ज्ञापन सौंपा

इस दौरान हुई बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लोगों ने त्रिवेदी के समक्ष अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। उन्होंने कॉरिडोर के संभावित नुकसान, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और समस्याओं की अनदेखी का मुद्दा उठाया।

“विधायक मिलते नहीं, सांसद नजर नहीं आतीं”

ज्ञापन सौंपते समय जब सुधांशु त्रिवेदी ने लोगों को सलाह दी कि वे अपनी बात स्थानीय विधायक से कहें, तो लोगों ने दो टूक जवाब देते हुए कहा:

“विधायक मिलते ही नहीं और सांसद का तो कोई अता-पता नहीं।”

गौरतलब है कि मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा काफी समय से जनता से सीधे संवाद में नहीं दिखे हैं, वहीं सांसद हेमा मालिनी लंबे समय से क्षेत्र से ग़ैरहाज़िर हैं। इसी कारण से गोसाईं समाज, व्यापारियों और स्थानीय निवासियों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट से मिली अनुमति के बाद तेज हुआ विरोध

15 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत एक न्यास ट्रस्ट भी गठित कर दिया गया है।

हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉरिडोर परियोजना से पारंपरिक मार्ग, मंदिर की मूलभूत संरचना और स्थानीय व्यापार प्रभावित होंगे। इसी चिंता को लेकर वे विभिन्न माध्यमों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

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क्या जनप्रतिनिधि सामने आएंगे?

अब सवाल उठता है कि क्या स्थानीय विधायक श्रीकांत शर्मा और सांसद हेमा मालिनी इस तीव्र जनआक्रोश के बाद व्यापारी संगठनों, गोसाईं समाज और स्थानीय लोगों से सीधे संवाद करेंगे, या विरोध की यह लहर और तेज होगी।

स्थानीय लोग साफ कह चुके हैं कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

निष्कर्ष:

वृंदावन में बांके बिहारी कॉरिडोर अब केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच संवादहीनता का प्रतीक बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि भाजपा नेतृत्व और प्रशासन इस जन असंतोष को किस तरह से संबोधित करता है।

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VIKAS TRIPATHI
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VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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