नई दिल्ली | 11 मई 2025 — ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक चले भीषण संघर्ष के बाद अचानक हुआ सीजफायर अब एक नई बहस का विषय बन गया है। पाकिस्तान, जो अब दावा कर रहा है कि उसने कभी युद्धविराम का अनुरोध नहीं किया, उसका झूठ खुद भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने हॉटलाइन बातचीत का ज़िक्र करते हुए बेनकाब कर दिया है।
“पाकिस्तान के समकक्ष ने हॉटलाइन पर संपर्क किया” – DGMO घई
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया,
“10 मई को मुझे हॉटलाइन के ज़रिए संदेश मिला कि पाकिस्तान के मेरे समकक्ष मुझसे बात करना चाहते हैं। उसी दिन दोपहर 3:35 बजे मेरी उनसे सीधी बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने सीजफायर का प्रस्ताव रखा।”
इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं में आपसी सहमति बनी और 10 मई शाम 5 बजे से सीमा पार से हो रही गोलीबारी और हवाई हमले बंद कर दिए गए।
सीजफायर की सहमति बनी, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में तोड़ा
घई ने आगे बताया कि दोनों पक्षों ने 12 मई को फिर से बातचीत करने पर सहमति जताई, ताकि समझौते को लंबे समय तक टिकाऊ बनाया जा सके। लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में अपनी विश्वसनीयता तोड़ दी।
“दुर्भाग्य से यह शांति ज्यादा देर नहीं चली। रात होते ही पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर सीमा पार गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ शुरू हो गई। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।”
“सीजफायर तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब” – भारत ने दी चेतावनी
घई ने बताया कि भारत ने एक और हॉटलाइन संदेश के माध्यम से पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि यदि आगे भी इस तरह के उल्लंघन दोहराए गए तो भारत की प्रतिक्रिया कड़ी और निर्णायक होगी।
“हमारे सेना कमांडरों को पूरी छूट दी गई है कि किसी भी उल्लंघन का त्वरित और उचित जवाब दिया जाए।”
अब पलटा पाकिस्तान: कहा हमने कभी अनुरोध नहीं किया
इस बीच पाकिस्तान के आईएसपीआर के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उलटा दावा कर दिया कि:
“रिकॉर्ड में है कि पाकिस्तान ने कभी भी सीजफायर का अनुरोध नहीं किया। यह भारत की तरफ से हुआ था।”
“हमने स्पष्ट कर दिया था कि हम पहले जवाब देंगे, उसके बाद ही कोई बात आगे बढ़ेगी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि 10 मई को हुई सीजफायर सहमति अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के हस्तक्षेप के बाद बनी।
विश्लेषण: पाकिस्तान की रणनीति या हताशा?
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह बयानबाज़ी दोहरे चरित्र का उदाहरण है। पहले पर्दे के पीछे सीजफायर की मांग, और फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘मजबूती’ दिखाने के लिए पलटीबाज़ी — यह पाकिस्तान की रणनीतिक भ्रम नीति का हिस्सा हो सकती है।
भारत ने फिर दोहराया – जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान ने सीमा पार से कोई भी उकसावे वाली कार्रवाई की तो उसका कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
“सीजफायर कोई मजबूरी नहीं, शांति की पहल थी – लेकिन कमजोरी समझने की भूल न करे कोई।”