
कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के लोग, जैसे अकबरनगर, रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और अबरारनगर, अपनी घरों को अवैध बताने और ध्वस्तीकरण के लाल निशानों के खिलाफ गुस्से में हैं। हाल ही में, इन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान शंख, ढोल और नगाड़े बजाकर अपनी आवाज उठाई।
मुख्य बिंदु:
- सरकारी कार्रवाई में राहत:
- स्थानीय लोगों की शिकायतें सुनने के बाद, सरकार ने उनके घरों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है।
- विजय शुक्ला ने बताया कि उनकी गुहार सुनी गई है, और इस निर्णय से उन्हें राहत मिली है।
- प्रभावित बच्चों की गुहार:
- प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की थी, जो सफल रही है।
- एलडीए और प्रशासनिक गतिविधियाँ:
- इंद्रमणि त्रिपाठी के तबादले के बाद कुकरैल रिवरफ्रंट पर ध्वस्तीकरण की मुहिम पर अटकलें लग रही थीं। नए उपाध्यक्ष को प्रोजेक्ट समझने में समय लगने की संभावना है।
- सोमवार को एलडीए, सिंचाई विभाग और प्रशासन की टीम प्रभावित क्षेत्रों में नहीं गई, जिससे अफसर असहज दिखे।
- स्थानीय समुदाय का जश्न:
- जैसे ही लोगों को ध्वस्तीकरण पर रोक की सूचना मिली, उन्होंने हर्षोल्लास के साथ जश्न मनाया।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि स्थानीय समुदाय की मेहनत और एकजुटता ने उनकी मांगों को सुनने में मदद की है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।

VIKAS TRIPATHI
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