यह कैसा भारत – उत्तर प्रदेश में और देश में योगी मोदी की सरकार चल रही है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का एक लेख बहुत सुंदर सुंदर तस्वीरो के साथ शहर से लेकर गांव तक गली से लेकर चौराहे तक दीवारों पर पेंटिंग के जरिए और बाजारों में होर्डिंग के जरिए दिखाया जा रहा है लेकिन इस पर संदेह सवाल उन्हीं लोगों के कुकर्मों से बन जाता है जो देश को एक नई दिशा देने का काम करते हैं विद्यालय में गुरुजी और समाज में नेताजी अभी हाल ही में जनपद गाजीपुर के डालिम्स सनबीम स्कूल में प्रबंधक ने एक छात्रा के साथ कुकर्म करने का प्रयास किया संपर्क नंबर मांगना और फिर छात्रा को अपने पावर के झांसे में लाने का भी प्रयास किया तेज तर्रार और तेजस्वी छात्रा ने इसकी शिकायत अपनी परिजनों से की और फिर क्या प्रबंधक जी पर मुकदमा दर्ज कर प्रशासन ने जेल भेज दिया लेकिन सवाल अब भी जस का तस बना हुआ है जिनके ऊपर मां-बाप ही क्या पूरा देश विश्वास करता है जब वह खुद हैवान बन जाए तो फिर इंसान ज्ञान के लिए कहां जाए राजनीति के मंच पर महिला सम्मान बेटियों का सम्मान और सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े भाषण देने वाले राजनेता भी कहीं कम नहीं है कुछ तो उम्र कैद की सजा काट रहे हैं कुछ सदन में अपनी बात रख रहे हैं कुछ विधानसभा में बैठकर कानून पारित करने की बात करते हैं आश्चर्य की बात तो यह है कि ऐसे कई नेताजी है जिनके ऊपर दुष्कर्म छेड़छाड़ का मामला चल रहा है आखिर क्यों समाज डरा हुआ है। कहते हैं नारी तो कमजोर होती है। कमजोर नहीं बल्कि एक ऐसी ज्वाला होती है जो निकले तो सब कुछ तबाह कर सकती है और अपना हौसला बनाए रखे तो कुछ भी कर सकती है। हम चारों तरफ देख रहे हैं कि महिलाओं पर दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं। उन अपराधों को काबू में करने की जरूरत है। आज कल सफर के दौरान छात्राओं को बहुत परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। जैसे बसों में छेड़छाड़, आटो में छेड़छाड़ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लड़कियां न घर में न बाजार में, न गली में न मुहल्ले में कहीं सुरक्षित नहीं है। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ की योजना लागू कर दी गई है फिर भी कोई गौर नहीं करता है। सरकार कोई भी हो आती है और चली जाती है पर लड़कियों पर दिन प्रतिदिन अत्याचार, बलात्कार बढ़ता जा रहा है। इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वैसे आपने देखा ही होगा कि प्राचीन काल की औरतें बड़े ही हिम्मत वाली और महान थी। कहतें हैं सती सावित्री तो यमराज से अपने पति के प्राण भी बचा ले आई थीं। आज कल की औरतों को भी इन सब से कुछ सीख लेनी चाहिए कि अगर वह चाहे तो सब कुछ कर सकती हैं क्योंकि जो जन्म दे सकती हैं वो सब कुछ कर सकती हैं। मेरे कहने का मतलब है कि आज कल की औरतों को मर्दों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए क्योंकि नारी एक शक्ति हैं और इस शक्ति से बढ़कर कुछ भी नहीं। कुछ लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। किसी की बहन बेटियों पर अत्याचार होता है तो लोग किनारा कस लेते हैं। वो उनकी मदद नहीं करते।सोच लोग सोचते हैं कि हम क्यों उनकी मदद करें। लोगों को सोचना चाहिए कि अगर हम किसी लड़की पर हो रहे अत्याचार को रोकने की कोशिश नहीं करेंगे तो इस देश का विकास कैसे होगा। इंसान जो भी करता है उसका असर देश पर होता है। समाज में रहने वाले सभी लोगों को महिलाओं की इज्जत करनी होगी। उन्हें सम्मान देना होगा। किसी भी महिला को एक सही नजरिए से देखना होगा। उनका आत्मविश्वास बढ़ाना होगा, उन्हें पुरुषों से कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं, तभी हमारा देश उन्नति कर सकेगा और हमारे देश में चारों ओर सुख और शांति होगी।

