
उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर पूनम यादव के साथ उत्तर प्रदेश में बड़ा धोखा हुआ है। जिस उत्तर प्रदेश में माफिया राज खत्म होने का दावा किया जाता है, उसी राज्य में पूनम यादव की जमीन को गायब कर दिया गया है। हां, आपने सही पढ़ा। कुछ भू-माफियाओं और उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग ने मिलकर पूनम यादव की करोड़ों रूपये मूल्य की जमीन को सरकारी कागजों से हटा दिया है।
महिला क्रिकेटर पूनम यादव का बड़ा आरोप
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार क्रिकेटर पूनम यादव उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की रहने वाली हैं। उनका आरोप है कि कुछ भू-माफियाओं ने उनकी तीन करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जा कर लिया और फिर सरकारी रिकार्ड से जमीन को गायब करा दिया। पूनम यादव का यह भी कहना है कि शिकायत करने पर भू-माफिया उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। यह लैंड फ्रॉड उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है पूनम यादव का मामला?
उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाली पूनम यादव अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं और भारतीय रेलवे विमेंस क्रिकेट टीम की कप्तान भी हैं। उन्होंने बताया कि दो साल पहले उन्होंने आगरा के फतेहाबाद कुंडौल में तीन करोड़ की जमीन खरीदी थी। यह जमीन उन्होंने बुंदू कटरा के निवासी कपिल यादव से खरीदी थी। रजिस्ट्री के बाद लेखपाल ने दाखिला खारिज करा दिया। पूनम यादव के अनुसार, होली के दौरान किसी ने उनके प्लॉट पर ताला लगाकर कब्जा कर लिया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्हें वापस कब्जा मिल गया। पूनम यादव के पिता रघुवीर यादव ने आरोप लगाया है कि लेखपाल ने भूमाफियाओं के साथ मिलकर उनकी जमीन के कागजों में हेराफेरी की है। कागजों में उनके नाम की जमीन गायब है। उन्होंने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश की तेज-तर्रार आईएएस अफसर और आगरा की कमिश्नर श्रीमती रितु माहेश्वरी से की है। श्रीमती रितु माहेश्वरी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।

VIKAS TRIPATHI
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