
WEF 2025: A Call for Collaboration Amid Uncertainty: स्विट्ज़रलैंड के दावोस-क्लोस्टर्स में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की वार्षिक बैठक 2025 शुक्रवार को अनिश्चितता के इस दौर में साथ मिलकर काम करने के आह्वान के साथ संपन्न हुई। पांच दिनों तक चली इस बैठक में राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक संघर्षों सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। 130 देशों के 3,000 से अधिक वैश्विक नेताओं ने 500 से अधिक सत्रों में भाग लिया।
महाराष्ट्र का प्रभावशाली प्रदर्शन
डब्ल्यूईएफ 2025 में भारत के महाराष्ट्र राज्य ने दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया। राज्य ने 15.70 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया, जो देश के किसी भी राज्य के वार्षिक बजट से अधिक है। इस मौके पर महाराष्ट्र ने 61 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए, जिनसे 16 लाख नौकरियां सृजित होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन है। राज्य में निवेश के लिए बेहतरीन माहौल है, और यही कारण है कि हमें इतना बड़ा निवेश प्रस्ताव मिला है।”
भारत के राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका
डब्ल्यूईएफ में भारत की विकास यात्रा पर भी चर्चा हुई। फिनटेक कंपनी पेमेट के को-फाउंडर प्रोबीर रॉय ने कहा, “आने वाले वर्षों में जब भारत अपनी जीडीपी को दोगुना करेगा, तो इसका बड़ा हिस्सा गेमिंग, ई-स्पोर्ट्स और पेमेंट्स जैसे उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों से आएगा। मैं इसे ‘एफएमबी’ (फास्ट मूविंग टेक-ड्रिवन बिजनेस) कहता हूं।”
इंडिया ग्लोबल चैंबर ऑफ बिजनेस के डायरेक्टर राजेंद्र बगड़े ने कहा, “महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को मिलेनियल पीढ़ी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए नई बाजारों के निर्माण में अहम भूमिका निभानी होगी। ये बाजार जीवनशैली, मनोरंजन और माइक्रोपेमेंट्स की नई प्रवृत्तियों पर आधारित होंगे।”
एआई और तकनीकी विकास पर चर्चा
ANVI के फाउंडर और सीईओ आशुतोष वर्मा ने दावोस में एआई हाउस में वैश्विक भागीदारों और प्रतिभागियों के साथ बातचीत को बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा, “दावोस में मेरी बातचीत ने ‘पर्सन-लेस बैंक’ की हमारी दृष्टि को स्पष्ट करने में मदद की है।”
डब्ल्यूईएफ 2025 ने स्पष्ट कर दिया कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए साझेदारी और सहयोग महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, भारत के राज्यों की भूमिका देश की जीडीपी और विकास यात्रा को गति देने में अहम साबित होगी।
