
ब्रिटिश राज के औपनिवेशिक अपराध कानूनों का दौर आज से खत्म हो गया है। भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाते हुए तीन नए कानून: भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) आज से लागू हो गए हैं।
पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने थाना सेक्टर 39 में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि इस कानून के तहत अपराधियों को सजा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित को भी न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई संहिता में आईपीसी के 175 मौजूदा प्रावधानों में बदलाव किया गया है और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इसमें 358 धाराएं हैं, जबकि पुरानी आईपीसी में 511 धाराएं थीं। नए कानून में राजद्रोह को खत्म कर देशद्रोह शामिल किया गया है। इसकी धारा 150 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी के 9 प्रावधान खत्म किए गए हैं। 107 प्रावधानों में बदलाव के साथ 9 नए प्रावधान पेश किए गए हैं। कुल 531 धाराएं हैं, जबकि पुरानी सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। उन्होंने बताया कि मौजूदा साक्ष्य अधिनियम के पांच मौजूदा प्रावधान निरस्त किए गए हैं, 23 प्रावधानों में बदलाव और एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। कुल 170 धाराएं नए साक्ष्य कानून में हैं, जबकि पुरानी में 167 थीं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कानून ज्यादा संवेदनशील बनाए गए हैं। पीड़िता जहां चाहेगी पुलिस को वहां बयान दर्ज करना होगा। दुष्कर्म के मामले में न्यूनतम 10 साल से लेकर अधिकतम फांसी तक की सजा होगी। सामूहिक दुष्कर्म में 20 साल से फांसी तक का प्रावधान है।
उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि छोटी सी छोटी शिकायत दर्ज करने के लिए अब थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हत्या, लूट, दुष्कर्म की भी ऑनलाइन एफआईआर दर्ज होगी। एक जिले में हुए अपराध की जीरो रिपोर्ट दूसरे जिले में भी कराई जा सकेगी। थाना क्षेत्र का हवाला देकर पुलिस अब मुकदमा लिखने से इनकार नहीं कर सकती। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जांच से लेकर आगे की कार्रवाई तक सारी सूचना मोबाइल पर एसएमएस के जरिए पीड़ित को दी जाएगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नए कानून की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस अधिकारियों से लेकर थानों में तैनात कांस्टेबल क्लर्क तक को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि 6 चरणों में एक विशेष अभियान के तहत पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इस दौरान कानून के जानकारों की भी मदद ली गई है। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में मुकदमा दर्ज करने के बाद धाराओं में कोई कमी न हो, इसके लिए प्रत्येक डीसीपी के ऑफिस में एक सेल बनाया गया है, जहां पर कुछ जानकार लोग बैठेंगे। थाना स्तर पर एफआईआर दर्ज करते समय उनसे सलाह ली जाएगी, तथा फिर एफआईआर में उचित धारा लगाई जाएगी।
गौतम बुद्ध नगर में नए कानून के तहत थाना सूरजपुर में दर्ज हुआ मुकदमा:
जनपद गौतम बुद्ध नगर में नए कानून के तहत पहला मुकदमा थाना सूरजपुर में आज दर्ज हुआ है। थाना सूरजपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेज लगाकर अपराधियों की जमानत करवाने वाले गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। तीन बदमाश फरार हैं। पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जनपद में पहला अपराध नए कानून की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), और 3(5) के तहत दर्ज कर पुलिस ने वरुण शर्मा, एजाज, इस्माइल, बीरबल, तथा नरेश चंद्र को गिरफ्तार किया है।

VIKAS TRIPATHI
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