
नई दिल्ली: 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली वह हाल के इतिहास में पहली महिला अधिकारी हैं। उनकी यह नियुक्ति न केवल प्रशासनिक सेवा में उनकी विशिष्टता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि महिलाएं अब नीति-निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
निधि तिवारी का प्रशासनिक सफर
निधि तिवारी का करियर असाधारण उपलब्धियों और विशिष्ट कार्यों से भरा रहा है। सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने से पहले उन्होंने वाराणसी में वाणिज्यिक कर (Commercial Tax) सहायक आयुक्त के रूप में कार्य किया। इसके बाद, 2014 में भारतीय विदेश सेवा में चयनित होने के बाद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं:
- विदेश मंत्रालय में ‘असैन्य और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों’ की विशेषज्ञ
निधि तिवारी ने विदेश मंत्रालय के Disarmament & International Security Affairs (D&ISA) डिवीजन में काम किया, जहाँ उन्होंने वैश्विक सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण और सामरिक मामलों पर गहरी पकड़ बनाई। इस दौरान, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN), शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर भारत के रुख को मजबूती से प्रस्तुत किया।
- प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में ‘विदेश और सुरक्षा’ प्रभाग की जिम्मेदारी
2022 में निधि तिवारी को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में अंडर सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने भारत की विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु ऊर्जा से जुड़े मामलों में अहम भूमिका निभाई।
• उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग, क्वाड (QUAD) समूह की कूटनीति और जी20 बैठकों में रणनीतिक सुझाव दिए।
• चीन, रूस और यूरोपीय देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं में भारत के पक्ष को मजबूती से रखने में योगदान दिया।
• उन्होंने ‘आतंकवाद-रोधी वैश्विक रणनीतियों’ पर कार्य किया और भारत की सुरक्षा नीतियों को प्रभावी बनाने में मदद की।
- अफगानिस्तान संकट के दौरान भारत की नीति निर्धारण में अहम भूमिका
2021 में जब अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हुआ, उस दौरान निधि तिवारी विदेश मंत्रालय की टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत भारत सरकार द्वारा किए गए भारतीय नागरिकों और अफगान सिख-हिंदू शरणार्थियों की निकासी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रणनीतिक सूझबूझ और तेज़ फैसलों ने इस अभियान को सफल बनाने में मदद की।
- कोरोना महामारी के दौरान ‘वैक्सीन कूटनीति’ में अहम योगदान
कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार द्वारा चलाई गई “वैक्सीन मैत्री” (Vaccine Maitri) पहल में निधि तिवारी ने भारत की विदेश नीति और मानवीय सहायता रणनीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• भारत द्वारा 100 से अधिक देशों को कोविशील्ड और कोवैक्सिन भेजने की नीति में उन्होंने कूटनीतिक समन्वय किया।
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और GAVI संगठनों के साथ भारत की वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी को मजबूत करने में योगदान दिया।

महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
निधि तिवारी की नियुक्ति यह दर्शाती है कि महिलाएं अब विदेश नीति, सुरक्षा रणनीति और प्रशासनिक नेतृत्व में भी अपनी अलग पहचान बना रही हैं। हाल के वर्षों में किसी महिला अधिकारी को प्रधानमंत्री का निजी सचिव बनने का अवसर नहीं मिला था, जिससे उनकी यह नियुक्ति और भी ऐतिहासिक बन जाती है।
उनकी यह भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों और कूटनीतिक बैठकों में सीधे समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी यह नियुक्ति महिला अधिकारियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी और यह दिखाएगी कि मेहनत और योग्यता के बल पर कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।
निधि तिवारी की यह उपलब्धि प्रशासनिक सेवा में एक नया कीर्तिमान स्थापित करती है और आने वाले समय में भारत की कूटनीति और सुरक्षा नीतियों को एक नई दिशा देने की संभावना को प्रबल करती है।