
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से की लहर है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि “आतंकी हमला करने वालों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।” अब इस पूरे घटनाक्रम को और गंभीर मोड़ तब मिला जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री आवास पहुंचकर पीएम मोदी से मुलाकात की।
पहली बार सार्वजनिक रूप से हुई संघ प्रमुख और प्रधानमंत्री की मुलाकात
ऐसा पहली बार हुआ है जब संघ प्रमुख मोहन भागवत सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पहुंचे हैं। इससे पहले भी दोनों के बीच मुलाकातें होती रही हैं, लेकिन वे अधिकतर गोपनीय और कैमरों से दूर रही हैं। इस मुलाकात की टाइमिंग और सार्वजनिक प्रकटीकरण को देखते हुए राजनीतिक और रणनीतिक हलकों में इसे बेहद महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
पीएम आवास पर उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक, सेना को खुली छूट
इससे पहले मंगलवार शाम प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि:
“सुरक्षा बलों को कार्रवाई का तरीका, समय और लक्ष्य चुनने की पूरी आज़ादी है। आतंकियों को करारा जवाब देना ही हमारा संकल्प है।”
पाकिस्तान को घेरने की रणनीति शुरू
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से स्थगित करना, डिप्लोमैटिक स्तर पर अलगाव, और आर्थिक प्रतिबंधों की संभावनाएं शामिल हैं। इसके अलावा आतंकी फंडिंग पर नकेल कसने के लिए FATF और UN स्तर पर भी नई पहल शुरू हो चुकी है।
देश में रोष, कड़ी कार्रवाई की मांग
हमले के बाद पूरे देश में जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग सरकार से “सर्जिकल स्ट्राइक 2.0” या “डायरेक्ट रीटैलिएशन” की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक दलों ने भी एक सुर में आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सारांश:
पहलगाम हमले के बाद सरकार की रणनीति अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री की कड़ी चेतावनी और अब संघ प्रमुख मोहन भागवत की सार्वजनिक सक्रियता इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में भारत की ओर से बड़ा और निर्णायक कदम उठाया जा सकता है।