
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने 16वें बजट को पेश कर एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब राज्य की कांग्रेस सरकार खुद अपने विधायकों के दबाव में है। विकास कार्यों के लिए धन की कमी को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक भी सरकार से असंतुष्ट हैं।
दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार बजट पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह बजट केवल वित्तीय योजना नहीं, बल्कि राज्य के सात करोड़ लोगों के भविष्य का खाका है। इस बजट में सरकार की पांच गारंटी योजनाओं के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, नए विकास परियोजनाओं की भी घोषणा हो सकती है।
राज्य के 2025-26 के बजट का आकार करीब 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो वर्तमान वित्त वर्ष के 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।
BJP-JDS विधायकों की मांग
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बताया कि उन्होंने मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों, किसानों, अल्पसंख्यकों और धार्मिक नेताओं के साथ बैठक कर सभी वर्गों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखने की कोशिश की है।
इस बीच, BJP और JDS के विधायकों ने हर विधायक के निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित करने की मांग की है। BJP प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर अशोक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर यह मांग रखी।
इसके साथ ही, BJP ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, सड़कों और सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग भी की है।
क्या सिद्धारमैया का बजट विधायकों को संतुष्ट कर पाएगा?
सिद्धारमैया के ऐतिहासिक 16वें बजट से कई उम्मीदें जुड़ी हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बजट सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों की वित्तीय मांगों को पूरा कर पाएगा? क्या कांग्रेस सरकार विकास कार्यों को गति देने में सफल होगी? इन सवालों के जवाब बजट पेश होने के बाद ही सामने आएंगे।

VIKAS TRIPATHI
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