
जालौन: सरकारी स्कूलों की दुर्दशा अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनती है, लेकिन अगर शिक्षक ठान लें तो वे न केवल छात्रों के भविष्य को संवार सकते हैं, बल्कि स्कूल की सूरत भी बदल सकते हैं। जालौन के अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विपिन उपाध्याय ने यही साबित किया है। उनके प्रयासों ने न केवल स्कूल की तस्वीर बदली है, बल्कि उन्हें प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी सराहा गया है। विपिन उपाध्याय को शिक्षा में सुधार के लिए पहले ही राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
विपिन उपाध्याय ने अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय के क्लासरूम्स को पूरी तरह से बदल दिया है। बच्चों की शिक्षा के स्तर में सुधार के साथ-साथ वे उन्हें मानवीय दृष्टिकोण भी सिखा रहे हैं। उनके मजबूत इरादों और कुछ नया करने की सोच ने इस सरकारी स्कूल को एक अलग पहचान दी है। इस स्कूल के नए क्लासरूम्स अब होटल के कमरों की तरह दिखते हैं, जिससे स्कूल का माहौल पूरी तरह बदल गया है।
स्मार्ट क्लासरूम्स से सुसज्जित स्कूल बना प्रेरणा का स्रोत
राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित विपिन उपाध्याय के प्रयासों के चलते यह स्कूल कई बार सुर्खियों में आ चुका है। स्कूल के प्रधानाध्यापक बालाकृष्ण ने बताया कि अब स्कूल के सभी 5 क्लासरूम्स में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही, शिक्षक श्याम जी और विपिन उपाध्याय छात्रों को नवोदय और विद्या ज्ञान जैसी परीक्षाओं की तैयारी भी करा रहे हैं। इससे पहले, इसी विद्यालय की लाइब्रेरी की तस्वीर को पूरे प्रदेश में सराहा गया था।
बेसिक शिक्षा विभाग की सराहना: “नए उत्तर प्रदेश के नए विद्यालय की शुरुआत”
अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय के क्लासरूम्स को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रशंसा करते हुए एक्स पर लिखा कि यह नए उत्तर प्रदेश के नए विद्यालय की तस्वीर है। शिक्षक विपिन उपाध्याय के प्रयास और सोच ने इस स्कूल को बार-बार चर्चा का विषय बनाया है। स्कूल के 5 क्लासरूम्स की खास बात यह है कि वे हूबहू होटल के कमरों जैसे दिखते हैं, जो कि सरकारी स्कूलों में एक दुर्लभ दृश्य है।

VIKAS TRIPATHI
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