
गुवाहाटी: असम सचिवालय ने रविवार को अपने परिसर में 2.5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के उद्घाटन के साथ भारत में किसी राज्य सरकार का पहला हरित मुख्यालय (पर्यावरण अनुकूल) बनने का गौरव हासिल किया। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 12.5 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित ग्रिड से जुड़े और छत पर लगे इस सौर ऊर्जा संयंत्र से हर महीने 30 लाख रुपये के बिजली बिल की बचत होगी।
सीएम का बड़ा ऐलान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हम करदाताओं के पैसे से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने के वीआईपी कल्चर को समाप्त कर रहे हैं। मैं और मुख्य सचिव एक उदाहरण प्रस्तुत करेंगे और 1 जुलाई से अपने बिजली बिलों का भुगतान करना शुरू करेंगे। जुलाई 2024 से सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी बिजली खपत का भुगतान स्वयं करना होगा।
असम सचिवालय: भारत का पहला हरित सचिवालय
मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा कि आज हमने ‘नेट-जीरो’ सरकार बनने के अपने लक्ष्य में एक बड़ी छलांग लगाई है। उन्होंने जनता भवन में 2.5 मेगावाट सौर परियोजना का उद्घाटन किया, जिससे असम सचिवालय भारत का पहला हरित सचिवालय बन गया है। अब सचिवालय परिसर में पूरी तरह से सौर ऊर्जा से बिजली सप्लाई होगी और इससे हर महीने 30 लाख रुपये के बिजली बिल की बचत होगी।
सभी आधिकारिक परिसरों में सौर पैनल की योजना
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी आधिकारिक परिसरों में सौर पैनल लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत राज्य भर के मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों से होगी। उन्होंने कहा कि सीएम सचिवालय, गृह और वित्त विभाग को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों में रात 8 बजे बिजली के अपने आप कनेक्शन काटने की पहल की जा रही है, ताकि बिजली की बचत हो सके। यह उपाय राज्य भर में 8,000 सरकारी कार्यालयों, स्कूलों आदि में पहले से ही लागू है।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।