
सिद्धार्थनगर।
खजुरिया मार्ग को चौड़ा करने के लिए पिछले कई दिनों से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं, जिसमें कई बड़ी इमारतें और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। यहां तक कि जिला पंचायत का भव्य गेट भी नहीं बचा। प्रशासन की इस कार्रवाई में सिद्धार्थनगर थाने की पुलिस भी पूरी तरह साथ थी, लेकिन शनिवार अपराह्न जब बुलडोजर थाने की बाउंड्री की ओर बढ़ा, तो पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए।

थाने की बाउंड्री पर गरमाया माहौल
थानाध्यक्ष संतोष तिवारी, सीओ और अन्य जवान तुरंत बाहर निकले और अपने अतिक्रमण को बचाने के लिए खड़े हो गए। थाने की बाउंड्री तोड़ने को लेकर जनता और पुलिस के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। थानाध्यक्ष का कहना था कि बिना लिखित आदेश के वे थाने की चारदीवारी नहीं तोड़ सकते। लेकिन डीएम साहब का बुलडोजर जनता और अधिकारियों के निर्माण में कोई भेदभाव नहीं करता।

तहसील बाउंड्री का सवाल उठते ही बदला बुलडोजर का रुख
एसडीएम डॉ. ललित कुमार और एडीएम उमाशंकर ने थानाध्यक्ष को समझाते हुए कहा कि अगर सभी के अतिक्रमण तोड़े जा रहे हैं, तो थाने की बाउंड्री कैसे छोड़ी जा सकती है। जैसे ही किसी ने तहसील की बाउंड्री का मुद्दा उठाया, एडीएम उमाशंकर ने तुरंत बुलडोजर का रुख तहसील की तरफ मोड़ दिया और लगभग 100 मीटर लंबी बाउंड्री को ध्वस्त करवा दिया।

थाने की बाउंड्री भी जमींदोज, डीएम के बुलडोजर से मची खलबली
तहसील बाउंड्री के ध्वस्त होते ही थानाध्यक्ष का रुख भी नरम पड़ गया, और शाम तक थाने की बाउंड्री को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। डीएम के बुलडोजर के इस कड़े रुख से प्रभावशाली लोगों के पसीने छूट रहे हैं। कपिलवस्तु पोस्ट के अनुसार, शाम तक नगरपालिका के एक पूर्व अध्यक्ष की आलीशान कोठी को भी ध्वस्त किया जा सकता है, जिसके लिए बुलडोजर की तैयारी की जा रही है।

VIKAS TRIPATHI
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