
यूपी ब्रेकिंग । योगीराज में खाकी धारी कितना भ्रष्टाचार में लिप्त है इससे पता चलता है कि अभी हाल ही में जनपद बलिया में एक बड़ी कार्यवाही देखने को मिली थी लेकिन सबसे बड़ा खुलासा यह था कि खुलेआम अवैध ढंग से 1 दिन में लगभग 15 लाख की वसूली और वह भी सिर्फ खाकी धारियों के द्वारा लेकिन पार्टी के जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों को कानों कान तक खबर तक नहीं लगी लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एक बड़ी कार्यवाही भी किया था अब बरेली में ठीक ऐसा ही वाकया उत्तर प्रदेश सरकार में खाकी धारियों का पोल खोल रहा है।
बता दें कि
फरीदपुर कोतवाली का रिश्वतखोर इंस्पेक्टर रामसेवक 500-500 के नोटों की गडि्डयों पर सोता था। 300 ग्राम स्मैक के साथ पकडे़ गये तस्करों को सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ने की सूचना पर आईपीएस मानुष पारीक ने फरीदपुर थाने में छापा मारा। इंस्पेक्टर थाने की दीवार फांदकर फरार हो गया। इंस्पेक्टर के आवास से पुलिस ने 984500 रुपये बरामद किये हैं। सीओ फरीदपुर की ओर से कोतवाली में इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने भ्रष्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टर रामसेवक को तत्काल सस्पेंड कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीमें गठित की हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी साउथ मानुष पारिक गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे कोतवाली जा धमके। उन्होंने वहीं सीओ फरीदपुर गौरव सिंह को बुलाया। उनके थाने पहुंचते ही इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक अपने कमरे में ताला डालकर थाने की दीवार बांधकर फरार हो गए। उनके साथ एक और व्यक्ति भी फरार हुआ है। उसकी पहचान की जा रही है। एसपी साउथ ने थाने के अभिलेख और हवालात चेक की। पुलिस वालों से पूछताछ की। पता लगा कि इंस्पेक्टर फरीदपुर ने बुधवार रात को फरीदपुर के नवदिया अशोक के रहने वाले अशनूर पुत्र मकसूद, नियाज अहमद उर्फ नन्हे पुत्र शेर मोहम्मद और आलम पुत्र मोहम्मद इस्लाम को गिरफ्तार किया था।
सात लाख रुपये गुलाबी पन्नी में लेकर दो को छोड़ा
नियाज अहमद और आलम को सात लाख रुपये लेकर गुरुवार सुबह को छोड़ दिया। अशनूर रुपये नहीं दे पाया। उसे थाने में दाखिल कर दिया। 300 ग्राम स्मैक भी इंस्पेक्टर पी गये। उसे बेच दिया। एसपी मानुष पारीक ने इसके बाद इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी कराई।
इंस्पेक्टर रामसेवक के तखत के गद्दे के नीचे से पुलिस ने 500-500 को नोटों के सात लाख रुपये बरामद किये गये हैं। इंस्पेक्टर के पर्सनल ब्रीफकेस से 284900 रुपये बरामद हुए।
इंस्पेक्टर पहले पीलीभीत में पूरनपुर माधोटांडा, गजरौला समेत कई थानों पर रहा है। बरेली में आने के बाद स्मैक तस्करों की मंडी के नाम से बदनाम कोतवाली फरीदपुर का उसे प्रभारी बना दिया गया। इसके बाद से ही उसने लूट और वसूली शुरू कर दी। नवंबर से अब तक इंस्पेक्टर ने करोड़ों रुपये फरीदपुर कोतवाली से कमाये हैं। इंस्पेक्टर की एक-एक दिन की आमदनी दस-दस लाख रुपये रही है। इंस्पेक्टर रामसेवक जिस थाने के प्रभारी थे। अब उसी थाने के मुल्जिम हैं। सीओ फरीदपुर गौरव सिंह की ओर से फरीदपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर फरार हैं। इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया जा रहा है।
