
कोलकाता, 18 अक्टूबर (आईएएनएस) राज्य सरकार के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के छह और डॉक्टरों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में शामिल होने की जानकारी सामने आई है। यह जांच अस्पताल में कथित तौर पर हुए कई करोड़ रुपये के वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है।
इस विकास के बारे में जानकार सूत्रों ने बताया कि ये छह डॉक्टर पहले से ही गिरफ्तार पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके सहायक आशीष पांडे के अलावा हैं, जो पहले ही सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं और इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई अधिकारी इन छह डॉक्टरों के खिलाफ अपने निष्कर्षों के बारे में पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित करने पर विचार कर रहे हैं ताकि राज्य सरकार उन्हें उनकी संबंधित कुर्सियों से हटाकर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर सके।
सीबीआई ने पहले इन छह डॉक्टरों में से कुछ से संदिग्ध के रूप में पूछताछ की थी। जांच अधिकारियों ने उन छह डॉक्टरों की वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी प्राप्त किए हैं।
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में मुख्य आरोपों में शामिल हैं: अस्पताल में निविदा प्रक्रिया में हेरफेर करना ताकि अयोग्य ठेकेदारों को भारी कमीशन के बदले ठेके दिए जा सकें, अस्पताल से संबंधित बुनियादी ढाँचे के कामों को निजी आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए राज्य लोक निर्माण विभाग को दरकिनार करके करना, जैव-चिकित्सा कचरे की तस्करी करना और अस्पताल के शवगृह में आने वाले अज्ञात शवों के अंगों को खुले बाजार में बेचना।
संदीप घोष की जांच सीबीआई द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के मामले के साथ-साथ अगस्त में आर. जी. कर के एक जूनियर डॉक्टर के भयानक बलात्कार और हत्या के मामले में भी की जा रही है।
सीबीआई के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी वित्तीय अनियमितताओं के मामले में समानांतर जांच कर रहा है। जबकि इस मामले में सीबीआई की जांच अदालत के निर्देश पर और अदालत द्वारा निगरानी की जा रही है, ईडी ने प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल करने के बाद मामले में स्वप्रेरित प्रवेश किया है।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।