
PM Modi to Visit ITER Site in France: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल फ्रांस की दक्षिणी धरती पर स्थित इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) साइट का दौरा करेंगे। यह परियोजना एक प्रमुख साझेदार वैज्ञानिक पहल है जिसका उद्देश्य स्वच्छ न्यूक्लियर फ्यूजन ऊर्जा का साक्षात्कार कराना है। ITER साइट पर दुनिया पहली बार फ्यूजन रिएक्शन का प्रदर्शन होगा, जिससे यह सिद्ध होगा कि फ्यूजन ऊर्जा का व्यावहारिक उपयोग संभव है। भारत इस वैश्विक परियोजना में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में जुड़ा हुआ है।
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से विकास
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त प्रगति हुई है।
- बिजली उत्पादन क्षमता:
- 2014: 4780 मेगावाट
- 2024: 8180 मेगावाट (लगभग दोगुनी वृद्धि)
- 2031-32 तक लक्ष्य: 22,480 मेगावाट
इस प्रगति ने देश को सुरक्षित, टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा में अग्रणी बनने में मदद की है।
परमाणु ऊर्जा के अनुप्रयोग
भारत न केवल ऊर्जा उत्पादन में बल्कि अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी परमाणु तकनीक का लाभ उठा रहा है:
- कृषि: न्यूक्लियर तकनीक के माध्यम से 70 उत्परिवर्ती फसल किस्मों का विकास हुआ है।
- स्वास्थ्य: कैंसर के उपचार के लिए उन्नत आइसोटोप तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- रक्षा: लागत प्रभावी, हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट्स का निर्माण किया जा रहा है।
थोरियम के क्षेत्र में भारत की विशिष्टता
भारत के पास वैश्विक थोरियम भंडार का 21% हिस्सा है। इस संपदा के चलते देश को सुरक्षित और अधिक टिकाऊ परमाणु ऊर्जा विकल्पों के विकास में संभावित अग्रणी देशों में गिना जा रहा है।
वैश्विक शांति और परमाणु सुरक्षा में भारत की भूमिका
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी स्थान हासिल किया है। देश ने लगातार न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफिकेशन और शांतिपूर्ण परमाणु प्रौद्योगिकी का समर्थन किया है।
- अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन: भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों का पालन करता है।
- वैश्विक निरस्त्रीकरण प्रयास: निरस्त्रीकरण सम्मेलन (CD) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जैसे मंचों पर सक्रिय योगदान दिया गया है।
- राष्ट्रीय ऊर्जा रणनीति में एकीकरण: शांतिपूर्ण परमाणु पहल को ऊर्जा रणनीति में शामिल कर, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा रही है।
निवेश और भविष्य की योजनाएं
विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत केंद्रीय बजट 2025-26 में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के अनुसंधान और विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
- 2033 तक लक्ष्य: कम से कम पांच स्वदेशी रूप से विकसित SMR डिज़ाइन और संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- विधायी संशोधन: परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु नुकसान के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन के माध्यम से निवेश के अनुकूल ढांचे का निर्माण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इन पहलों और निवेश के साथ, भारत वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और सुरक्षित परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पीएम मोदी के इस दौरे से न केवल ITER परियोजना में भारत की भागीदारी को बल मिलेगा, बल्कि वैश्विक परमाणु ऊर्जा के शांति, विकास और स्थिरता के प्रयासों में भी भारत की प्रतिबद्धता उजागर होगी।

VIKAS TRIPATHI
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