नई दिल्ली।
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस और सपा को आईना दिखा दिया। उन्होंने कहा कि ये वो नेता हैं जो जब सत्ता में होते हैं तो नींद में रहते हैं, और जब बाहर होते हैं तो सिर्फ श्रेय के सपने देखते हैं।
अनुप्रिया पटेल ने कहा, “हमने पिछड़ों की आवाज़ उठाई, प्रधानमंत्री ने सुनी और कार्रवाई की। ये कोई ट्विटर अभियान या फोटो ऑप नहीं था, बल्कि सालों की मेहनत का नतीजा है।”
“राहुल-अखिलेश का सामाजिक न्याय प्रेम केवल माइक पर चलता है”
कांग्रेस के राहुल गांधी और सपा के अखिलेश यादव को लेकर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “ये लोग सामाजिक न्याय के मंच पर सिर्फ भाषण देने आते हैं। असल काम जब करने का मौका मिला, तब चुप्पी ओढ़ ली। अब जब मोदी सरकार ने फैसला ले लिया तो क्रेडिट मांगने लगे — जैसे किसी और की शादी में खुद बाराती बन गए हों!”
“ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिला, ये चमत्कार कांग्रेस क्यों न कर सकी?”
अनुप्रिया ने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा, नीट में ओबीसी आरक्षण, और वंचित वर्गों के लिए ठोस योजनाएं लागू कीं। उन्होंने कहा, “यूपीए के जमाने में ये फाइलें घूमती रहीं, लेकिन निर्णय नहीं आया — शायद इसलिए कि तब की सरकारों को ‘फैसला’ कम और ‘डायलॉग डिलिवरी’ ज़्यादा पसंद थी।”
“जाति जनगणना का काम टाइम से होगा, ना कि टाइमपास की तरह”
अनुप्रिया ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, “कांग्रेस अब डेडलाइन पूछ रही है, लेकिन जब उनके पास पावर थी तब डेडलाइन बनानी भूल गए थे। अब हमसे टाइम मांग रहे हैं जैसे पुराने प्रेमी पुराने वादे याद दिला रहे हों।”
“बिहार चुनाव से जोड़ने वालों को डायलॉग कम, डेटा ज़्यादा देखना चाहिए”
उन्होंने इस फैसले को बिहार चुनाव से जोड़ने वालों की सोच को संकीर्ण बताते हुए कहा, “हर नीतिगत फैसला चुनाव के लिए नहीं होता — कुछ फैसले दिल और ज़मीर से भी लिए जाते हैं। ये जातीय गणना का फैसला ‘वोट बैंक’ नहीं, ‘वंचित बैंक’ के लिए है।”
“महिला आरक्षण भी मोदी सरकार ने किया — बाकी तो बस नारे लगाते रह गए”
उन्होंने कहा, “महिला आरक्षण हो या ओबीसी हक, मोदी सरकार ने वो किया जिसे कांग्रेस सरकारों ने वर्षों तक ‘पेंडिंग फोल्डर’ में रखा।”
“कांग्रेस की जाति गणना—एक आधा अधूरा ड्रामा”
अनुप्रिया ने तंज कसते हुए कहा, “हम कांग्रेस जैसी जाति गणना नहीं करेंगे जिसमें सैंपल से ज़्यादा संदेह था, और डेटा से ज़्यादा ड्रामा। हमारी गिनती पारदर्शी होगी — एक्सेल शीट नहीं, एक्शन से चलेगी!”
मोदी सरकार कर रही है सामाजिक न्याय, विपक्ष कर रहा है सोशल मीडिया न्याय
अनुप्रिया पटेल ने साफ कहा कि मोदी सरकार फैसले करती है, विपक्ष केवल फ़ेसबुक पोस्ट और प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है। “देश को अब बयानों के बल पर नहीं, भरोसे और काम के दम पर आगे बढ़ाना है — यही सामाजिक न्याय की असली परिभाषा है।