लखनऊ: प्रदेश की राजनीति में एक नया राजनीतिक भूचाल आ गया है या कहे तो समाजवादी पार्टी के लिए बसपा से घनिष्ठता बढ़ाने का अवसर मिल गया है हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक न्यूज चैनल के शो में भाजपा के विधायक और प्रवक्ता राजेश चौधरी ने बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) को सबसे भ्रष्ट करार दे दिया। इस पर मायावती का गुस्सा फूट पड़ा। बसपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी सामने आई। इसके बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने वीडियो क्लिप शेयर करके मायावती का साथ दिया और भाजपा विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराए जाने की बात कही। मायावती ने भी इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

2019 के चुनाव के बाद बुआ और भतीजे के बीच बनी दूरी एक बार फिर से खत्म होती नजर आ रही है।
2012 विधानसभा चुनाव के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके प्रत्याशी सिर्फ चुनाव में ही दमखम दिखाने के लिए जुट जाते हैं वही अपने प्रत्याशियों के लिए बहन मायावती का प्रचार प्रसार फीका नजर आता है शायद यही कारण है कि मायावती पर भाजपा विधायक की टिप्पणी करने के बाद अखिलेश यादव ने दलित मतदाताओं को सांझने के लिए आगे आ गए हैं जिसको लेकर राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रही सुश्री मायावती अब लोकसभा की सदस्य भी नहीं है ऐसे में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान सांसद चंद्रशेखर आजाद प्रदेश में एक नया जोश भरने का काम कर रहे हैं वही दलित वोट बैंक पर नजर गड़ाए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एंट्री कर दिया है अब देखना यह है कि आने वाले यूपी उप चुनाव में समाजवादी पार्टी को कितना लाभ मिलता है।
